आप यहाँ है :

गणित के जादू से जीते 200 करोड़ रुपये

वॉशिंगटन। हममें से कई लोगों को गणित पढ़ने में मजा नहीं आता है। कई लोग इसे मजे से सीखते हैं और इसका सही इस्तेमाल करके वे करोड़ों रुपए भी कमा लेते हैं। अमेरिका के एक रिटायर्ड कपल ने बेसिक गणित का इस्तेमाल करते हुए लॉटरी में 200 करोड़ रुपए जीत लिए।

यह कहानी है मिशिगन में रहने वाले जेरी और मार्जी सेलबी की, जिन्होंने गणित के साथ ही लॉटरी सिस्‍टम में मौजूद खामी का भी फायदा उठाते हुए यह राशि जीती। अब उनकी चालों को बड़े पर्दे पर भी दिखाने की योजना है।

कन्वीन्यन्स स्‍टोर चलाने वाले जेरी ने कहा कि यह बेसिक अंकगणित का खेल है। इसी के सहारे लॉटरी में कामयाबी हासिल की। लॉटरी से हुई कमाई को जेरी और मार्जी ने अपने छह बच्‍चों की मदद और 14 पोते-पोतियों की पढ़ाई-लिखाई पर खर्च किया। दोनों की लव मैरिज हुई है।

80 साल के जेरी को साल 2003 में पहली बार ‘विनफॉल’ नाम के एक लॉटरी गेम के बारे में पता चला। इसके बारे में जानने के दौरान उन्‍हें एक खामी नजर आई। इससे उन्‍हें लगा कि उनके जीतने के अवसर ज्‍यादा हैं। यह लॉटरी गेम ‘रोल डाऊन’ फीचर के साथ आता है।

इसका मतलब है कि यदि किसी को भी जरूरी छह अंक नहीं मिलते हैं, तो पैसा उसके आस-पास पहुंचने वाले लोगों में बंटता है। उदाहरण के तौर पर जिन लोगों ने तीन और चार अंकों तक सही अनुमान लगाया हो, उन्‍हें पैसा मिलता है।

जेरी ने बताया कि मैंने सारे पहलुओं को जांचने के बाद अनुमान लगाया कि मुझे फायदा हो सकता है। हालांकि, पहले प्रयास में कामयाबी नहीं मिली और 50 डॉलर हार गए। मगर, अगली बार 3600 डॉलर (करीब 2.57 लाख रुपए) की टिकटें खरीद लीं। उन्‍होंने लगभग साढ़े चार लाख रुपए जीत लिए। इस तरह उन्होंने करीब 57 करोड़ रुपए कमाए।

हालांकि, बाद में ‘विनफॉल’ लॉटरी बंद हो गई। मगर, मेसाचुसेट्स में इसी तरह की एक लॉटरी चल रही थी तो ये लोग वहां चले गए। मेसाचुसेट्स में भी छह साल तक इन लोगों ने काफी पैसे कमाए, लेकिन जल्‍द ही ये लोग जांच के दायरे में आ गए। एक अखबार ने लॉटरी की खामी की ओर खुलासा किया।

इसके बाद यह गेम बंद कर दिया गया और मामले की जांच शुरू की गई। जांच में सामने आया कि एमआईटी के कुछ छात्र भी इसी खामी के जरिए पैसे कमा रहे थे। हालांकि, पुलिस की जांच में इन लोगों को क्‍लीन चिट मिल गई क्‍योंकि इन लोगों गलत तरीका नहीं अपनाया था।

image_pdfimage_print


सम्बंधित लेख
 

Get in Touch

Back to Top