Monthly Archives: November, 2015
आशा शर्मा के काव्य संग्रह “अनकहे स्वप्न” का लोकार्पण एवं “खरी-खरी” का आयोजन
यहाँ साहित्य-संस्कृति कला संगम एवं बीकाणा आई टी आई कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में वेटेरनरी ऑडीटोरियम में कवयित्री इंजी. श्रीमती आशा शर्मा की प्रथम काव्य कृति “”अनकहे स्वप्न”” का लोकार्पण किया गया. कार्यक्रम में काव्य कृति की रचनाओं पर चर्चा के साथ रचियता आशा शर्मा का सम्मान किया गया.
आभासी सांप्रदायिकता को स्थापित करने में लगी शक्तियों के इरादों को समझें
सड़क से लेकर संसद तक असहिष्णुता की चर्चा है। बढ़ती सांप्रदायिकता की चर्चा है। कलाकार, साहित्यकार सबका इस फिजां में दम घुट रहा है और वे दौड़-दौड़कर पुरस्कार लौटा रहे हैं। राष्ट्रपति से लेकर आमिर खान तक सब इस चिंता में शामिल हो चुके हैं। भारत की सूरत और शीरत क्या सच में ऐसी है, जैसी बतायी जा रही है या यह ‘आभासी सांप्रदायिकता’ को स्थापित करने के लिए गढ़ा जा रहा एक विचार है।
गधों के मेले में आकर्षण के केंद्र रहे नीतिश, लालू और माया
उज्जैन में लगने वाले गधों के मेले में इस बार गधा व्यापारी अपने गधों को फिल्मी सितारों की बजाय लालू, नीतिश, मुलायम और माया के नाम पर बेचने आए। यहाँ गधों का पारंपरिक मेला लगता है। हर साल यहां आने वाले गधों को शाहरूख, सलमान और रानी आदि नाम दिए जाते हैं। इस बार इन गधों का नाम कुछ अलग अंदाज़ में रखा गया है।
कोटा के कोचिंग की दुनिया अवसाद, ड्रग और आत्महत्या की दुनिया में धकेल रही है युवा पीढ़ी को
बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाले 20 साल का यह लड़का बीते साल से कोटा में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है। उसका कहना है कि पढ़ते-पढ़ते उसका दिमाग ठप पड़ चुका था। इसके अलावा, घर से पड़ रहे दबाव की वजह से उसने नशे का रास्ता अपनाया। नाम न छापे जाने की शर्त पर उसने बताया, ”हम इसे बाबाजी की बूटी कहते हैं।
पाकिस्तान में करोड़ों की जायदाद छोड़ आए, अब भारत में बसना चाहते हैं
दीपक शर्मा - 0
दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी शरणार्थियों में से एक ज्ञानचंद का परिवार इलाज के लिए अलीगढ़ आया तो उसने बताया कि वह मर जाएगा लेकिन पाकिस्तान कभी नहीं जाएगा। यहां पर भले ही कुछ तकलीफों में रह रहे हैं लेकिन फिर भी सकून है। ऐसे में अगर समाज और सरकार जरा सा सहारा दे दें तो जिंदगी संवर जाए।
निर्दलीय जीती महिला सरपंच ने बदल दी गाँव की तस्वीर
एक महिला सरपंच ऐसी भी है, जिन्होंने पूरे गांव को अपनी मेहनत के उजाले से रोशन किया है। हम आपको मिलवा रहे है मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल धार जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर नालछा में महिला सरपंच वसुंधरा विजयसिंह ठाकुर से। वसुंधरा एक ऐसी साधारण महिला से जिन्होंने गांव को एक नई दिशा देने का बीड़ा उठाया था।
जनजातियों को पैसे नहीं प्यार चाहिए : केंद्रीय मंत्री जुअल ओरम
माय होम इंडिया गत १० वर्षो से पूर्वोत्तर भारत और शेष भारत के लोगोको जोड़ने का , सेतु का काम कर रहा है। पूर्वोत्तर भारत में भारतीय राष्ट्रवाद को अपने सारे जीवन को समर्पित करते हुए किसी एक व्यक्ति को प्रतिवर्ष ‘वन इंडिया अवार्ड’ यह पुरस्कार दिया जाता है।
भारत में श्वेत क्रांति के जनकः डॉ. वर्गीस कुरियन
भारत में श्वेत क्रांति के जनक और अमूल के संस्थापक वर्गीस कुरियन की 94वीं जयंती के मौके पर सर्च इंजन गूगल ने अपनी लाज़वाब पेशकश की फेहरिस्त में एक और कड़ी जोड़ते हुए अपने डूडल के जरिए उन्हें अर्थपूर्ण श्रद्धांजलि दी है। गूगल ने कुरियन को दूध का डोलची लिए हुए दिखाया है जिसमें वह एक दुधारू पशु के पास बैठे हुए हैं।
अपने पुरखों का गाँव गोद लेकर उसे भूल गए आमिर खान
पैतृक गांव अख्तियारपुर पर आमिर के रवैये से यहां के बाशिंदे आहत हैं। अस्सी वर्षीय बुजुर्ग माखनलाल ने कहा कि वह अपने साथ खेले-कूदे बाकर खां, ताहिर खां के वंशज और इतनी बड़ी हस्ती आमिर की एक झलक देखना चाहते हैं। उनके चचेरे भाई डा. नईम अख्तर के अनुसार आमिर के चचा सन 1945 में यह मोहल्ला छोड़ गए थे।
कमाई के मामले में आईआरसीटीसी की वेबसाइट ने फ्लिपकार्ट को पछाड़ा
भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकटिंग वेबसाइट आईआरसीटीसी ने कमाई के मामले में भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट फ्लिपार्ट को भी पछाड़ दिया है। आईआरसीटीसी ने मार्च 2015 तक फ्लिपकार्ट की कमाई से दोगुने से भी ज्यादा करीब 20620 करोड़ की कमाई कर ली है।