Thursday, April 18, 2024
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Monthly Archives: December, 2016

लघु कथाओं में समाया साहित्य का विराट स्वरूप

आज लघुकथा का दिन है और आज के दिन समीक्षाएं होती है हमारी लघुकथाओ की ।आदरणीय कान्ता जी तथा आदरणीय निरुपमा जी अपनी समीक्षाओं से सदैव मार्गदर्शन करती रहती हैं।मंच पर उनका हार्दिक अभिनंदन करती हूँ-रूपेंद्र राज तिवारी

लोहिया वादी राजनीति का नया युग

समाजवादी विचारधारा के पोषक और भारतीय राजनीति के मजबूत स्तम्भों में से एक डॉ राम मनोहर लोहिया जी भारत के प्रमुख समाजवादी विचारक , राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थे । संसद में सरकार के अपव्यय पर कि गयी उनकी बहस " तीन आना-पंद्रह आना" आज भी प्रसिद्ध है !

ऐसा ही कुछ करना होगा

ऐसा ही कुछ करना होगा लम्बे अर्से बीत चले हैं,

कैशलेस यानी अधिक सुरक्षित और आसान सुविधा

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 'कैशलेस ट्रांजेक्शन' विषय पर कार्यशाला का आयोजन भोपाल।

जेटली की जिंदगी का राजनीतिक मायाजाल

अरुण जेटली का अतीत दुनियादारी के अंदाज में काफी सफल रहा है। दिल्ली युनिवर्सिटी में जब वे पढ़ते थे, तब भले ही बस के पैसे भी उनके पास नहीं हुआ करते थे, लेकिन आज सैकंड के हिसाब से वकालात की फीस की गणना करनेवाले देश के शिखर के वकीलों में जेटली नंबर वन पर हैं।

याद रखिये ! आप अद्वितीय हैं

अद्वितीय यानी जिसके जैसा दूसरा न हो. इसे ही अंग्रेजी में यूनिक ( Unique ) भी कहा जाता है. खैर यह बिल्कुल सच भी है कि दुनियाँ का प्रत्येक प्राणी अद्वितीय है. यकीन मानिए आप जैसा न कोई इस दुनियाँ में हुआ है और आने वाले वक्त में न होगा ही.

राजभाषा अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु पश्चिम रेलवे में हिंदी कार्यशाला

मुंबई। राजभाषा का प्रचार-प्रसार एवं प्रयोग बढ़ाने के उद्देश्य से भावनगर, वड़ोदरा, अहमदाबाद, मुंबई सेंट्रल, राजकोट और रतलाम सहित विभिन्न मंडलों और कारखानों में कार्यरत राजभाषा कैडर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए 22 दिसम्बर, 2016 को हिंदी कार्यशाला का आयोजन प्रधान कार्यालय, चर्चगेट में किया गया।

कैलेण्डर ही नहीं, तकदीर भी बदले

एक और वर्ष अलविदा हो रहा है और एक नया वर्ष चैखट पर खड़ा है। उम्र का एक वर्ष खोकर नए वर्ष का क्या स्वागत करें? पर सच तो यह है कि वर्ष खोया कहां? हमने तो उसे जीया है और जीकर हर पल को अनुभव में ढाला है।

अपने नाम को चरितार्थ कर रही है प्रतिभास्थली – डॉ. चन्द्रकुमार जैन

राजनांदगांव। प्रतिभास्थली की होनहार बालिकाओं ने अपनी मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और अपनी प्रतिभा के उत्कृष्ट प्रदर्शन की अमिट छाप छोड़ी। साथ ही, सबकी सराहना की हक़दार बनी।

प्रधानमंत्री की आक्रामकता का अर्थ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार जिस तरह से कालाधन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं चेतावनी दे रहे हैं उनसे निस्संदेह संघर्ष के संकल्प का आभास मिलता है। हालांकि उसमेें देश को नकदीरहित या कम नकदी के प्रयोग की ओर ले जाने का आह्वान भी करते हैं, लेकिन इसे भी कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का ही अंग बनाकर पेश करते हैं।
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