Friday, March 29, 2024
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Monthly Archives: March, 2017

मजबूत लोकतंत्र के लिए सांसदों की हाजिरी जरूरी

संसद सत्र के दौरान सांसदों के अनुपस्थित रहने का मामला इन दिनों एक बार फिर चर्चा में हैं। मंगलवार को कुछ ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई, जब राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले पूरक प्रश्नों के जवाब देने के लिए संबंधित विभागों के कई मंत्री उपस्थिति नहीं थे।

मीट के वैध कारोबारियों के समर्थक चैनल जरा पशुओं की चोरी का रेकॉर्ड खंगालें

लगातार मीडिया और सोशल मीडिया पर बूचड़खाने बंद होने पर बातें की जा रही हैं। कहा जा रहा है कि लोग बेरोजगार हो गए, लोगों को खाना नहीं मिल रहा, शौकीनों को स्वाद नहीं मिल रहा, आदि आदि। जरा एक बार पता कीजिए कि पिछले एक साल में पशु चोरी के कितने मामले यूपी में दर्ज हुए हैं। पत्रकार जरा DCRB जाएं और ये बात पता करें। लखनऊ के पत्रकार SCRB का रुख करें। जिस प्रदेश में कद्दावर मंत्रियों की भैंस सुरक्षित नहीं, वहां गांव देहात में पशु कितने सुरक्षित होंगे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

सांसद बनते ही इनके लिए सरकारी खजाना खुल जाता है

पिछले हफ्ते पूर्व सासंदों की पेंशन की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी। सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार और संसद के दोनों सदनों के सचिवालयों से इस बाबत उनका जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पीआईएल को स्वीकार करने पर संसद के दोनों सदनों में सासंदों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में कहा कि सांसदों की पेंशन के बारे में कोई भी फैसला लेने का हक केवल संसद का है।

श्री प्रभु व सुमित्रा महाजन द्वारा अजमेर-रतलाम एक्सप्रेस के इंदौर तक के विस्तार का शुभारम्भ

लोकसभा की माननीया अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन तथा माननीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु द्वारा ट्रेन सं. 19653/19654 अजमेर-रतलाम एक्सप्रेस के इंदौर तक विस्तार का शुभारम्भ 28 मार्च, 2017 को नई दिल्ली स्थित रेल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये तथा इंदौर स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। इस कार्यक्रम में माननीय संसद सदस्य श्री कांतिलाल भूरिया, श्री सुधीर गुप्ता, श्री सी. पी. जोशी एवं सुश्री सावित्री ठाकुर के अलावा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए के मित्तल और

वाह रे अटॉर्नी जनरलः आजम खान का बयान अभिव्यक्ति की आज़ादी

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व यूपी मिनिस्टर आजम खान का मेरठ गैंग रेप पर दिया गया बयान आर्टिकल 19 (1) (ए) के तहत मिली अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में आता है। जस्टिस दीपक मिश्रा और एएम खानविल्कर की बेंच के समक्ष अटॉर्नी जनरल ने कहा कि आजम खान का बयान फ्री स्पीच की कैटेगरी में आता है और अगर किसी को इससे ठेस पहुंची है तो वह सपा नेता के खिलाफ सिविल/आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर कर सकता है।

अर्णव गोस्वामी ने कहा, मुझे टाईम्स नाउ के स्टुडिओ में घुसने से रोका गया

अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘टाइम्स नाउ’ में अपने आखिरी दिनों को याद करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अरनब गोस्वामी ने चैनल को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधने पर उन्हें उनके स्टूडियो में जाने पर ही रोक दिया गया था।

जिन्ना हाउस ध्वस्त होना ही चाहिए, आखिर भारत के विभाजन की निशानी है

पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत के टुकड़े करने के लिए जिस जगह का उपय़ोग किया, वह जिन्ना हाउस एक बार फिर खबरों में है। इस बार उसे ध्वस्त करने की मांग की गई है। महाराष्ट्र में बीजेपी के वरिष्ठ विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा चाहते हैं कि भारत के विभाजन की याद दिलानेवाले जिन्ना हाउस को ध्वस्त करके उसकी जगह एक कल्चरल सेंटर का बनाना चाहिए। विधायक लोढ़ा ने जिन्ना हाउस को ध्वस्त करने की यह मांग विधानसभा में की। आज़ादी से पहले भारत के तीन टुकड़े

भोजन की बर्बादी एक त्रासदी है

हर रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संवेदनशील एवं सामाजिक हो जाते हैं। देश की जनता से ‘मन की बात’ करते हुए वे सामाजिक, पारिवारिक एवं व्यक्तिगत मुद्दों को उठाते है और जन-जन को झकझोरते हैं। इसी श्ंाृखला की ताजा कड़ी में देशवासियों को भोजन की बर्बादी के प्रति आगाह किया। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश के लिए यह पाठ पढ़ना जरूरी है। क्योंकि एक तरफ विवाह-शादियों,

डाकघरों में मनाया गया ‘ग्रामीण डाक जीवन बीमा दिवस’, ग्रामीण डाक जीवन बीमा के 22 वर्ष हुए पूरे

जोधपुर। डाक विभाग पत्रों के वितरण के साथ-साथ जीवन बीमा के क्षेत्र में भी एक लम्बे समय से कार्यरत है। डाक विभाग अपने विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से सुदूर क्षेत्र में रह रहे लोगों को भी बीमित करने के लिए कृत संकल्पित है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर

एक मुलाकात उभरती व्यंग्य लेखिका आरिफा एविस से

व्यंग्य लेखन के क्षेत्र में कैसे आई? व्यंग्य लेखन से पहले लेखन की शुरूआत बताना ज्यादा जरूरी है.महिला विमर्श की एक पत्रिका निकलती है 'मुक्ति के स्वर' जो मुझे मेरे अध्यापक के जरिये मिली थी . उस पत्रिका को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया लिखकर भेजी, जो अगले अंक में छपी . यही मेरा पहला लेखन था.
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