Saturday, April 20, 2024
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Monthly Archives: September, 2017

सुधीर चौधरी को धमकी देने वाला खुद भाग गया

पत्रकार सुधीर चौधरी को एक शख्स ने कथित तौर पर ट्विटर पर अपशब्द कहे और धमकी भी दी। इसपर सुधीर चौधरी ने भी जवाब दिया।

श्रीराम नगर, लाल बाग-‘‘पहले भी हारा और अब भी हार रहे हैं’’

दिल्ली का पूर्वी इलाका शहादरा एक समय में सबसे लम्बे फ्लाईओवर के लिए जाना जाता था। फ्लाईओवर के ऊपर सरपट दौड़ती हुई गाड़ियां दिल्ली से यूपी और यूपी से दिल्ली में आती-जाती हैं। दिल्ली के लोगों ने सबसे पहला मेट्रो का सफर शहादरा से कश्मीरी गेट और कश्मीरी गेट से शहादरा तक किया था।

ऐसी होगी भारत की पहली बुलेट ट्रैन

भारत में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारियां की जा रही हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिजो आबे इसकी नींव रखेंगे। मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए गुरुवार (14 सितंबर) को भारत की पहली बुलेट ट्रेन के लिए अहमदाबाद में नींव रखी जाएगी।

ओशो के ट्रस्ट की संपत्ति को लेकर उच्च न्यायालय का बड़ा आदेश

बॉम्बे हाई कोर्ट ने ओशो रजनीश ट्रस्ट के कोष से जुड़ी कथित धोखाधड़ी और अनियमितता की जांच मामले में एक बड़ा निर्देश दिया है। मंगलवार को एक इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को भी प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया।

स्व. मुखर्जी का प्रेरक जीवन

जीवन एक अवसर है, अपने ही जीवन के सृजन और पुनर्सृजन का अवसर। किसी की चार दिन की ज़िंदगी में सार होता है तो किसी का सौ बरस का जीना भी निस्सार होता है। किसी के एक आंसू पर हजारों दिल तड़प उठते हैं तो ऐसा भी होता है कई बार कि किसी के उम्र भर के रोने की भी कई परवाह नहीं करता है।

बिना हिंदी के हिन्दुस्तान की कल्पना नहीं की जा सकती

हिंदी शब्द है हमारी आवाज का हमारे बोलने का जो कि हिन्दुस्तान में बोली जाती है। आज देश में जितनी भी क्षेत्रीय भाषाएँ हैं उन सबकी जननी हिंदी है।

35 ए को न सरकारें समझी न अदालतें, फिर भी ये लागू रहा-4

भारत के संविधान के अनुषेद 370 को अकसर विवादों के घेरे में धकेला जाता रहा है. इस में कोई शक नहीं है कि अनुच्दछे -370 को संविधान में डालने की आवश्यकता पर प्रश्न खड़े किए जा सकते हैं

धारा 35 एः शहीद सैनिकों की राष्ट्र भक्ति पर भी सवाल उठाती है-1

भारत का संविधान लिखने के बाद और भारत की रियासत जम्मू कश्मीर के लिए जम्मू कश्मीर के विधान के लिखने के पहले भारत के उस समय के कांग्रेस के शीर्ष नेता जवाहर लाल नेहरु ने उस समय के महाराजा हरी सिंह द्वारा नियुक्त किए गए प्रधानमंत्री शेख मोहमद अब्दुल्लाह के साथ 1952 में एक समझोता किया था .
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