Tuesday, April 23, 2024
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Monthly Archives: February, 2018

पूरी पाकिस्तानी फौज पर भारी पड़ गए थे ये 9 सैनिक

सभी जानते हैं कि भारत को आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली थी। मुल्क की आजादी के लिए जहां हजारों वीरों ने शहादत दी वहीं आजादी के बाद भी भारत की सरहदों की रक्षा करते हुए सैकड़ों सैनिकों ने अपनी जान कुर्बान कर दी। ऐसे ही एक जाबांज और परम वीर च्रक विजेता यदुनाथ सिंह की आज (6 फरवरी, 2018) 70वीं पुण्यतिथि है। सिंह उन बहादुरों में एक थे जिन्होंने दुश्मनों से सरहद की रक्षा करते-करते अपने प्राण त्याग दिए लेकिन हार नहीं मानी। आज हम आपको यहां ऐसा ही एक किस्सा सुनाने जा रहे हैं जब यदुनाथ सहित 9 भारतीय सैनिक पूरी पाकिस्तान फौज पर भारी पड़ गए थे।

ड़. स्वामी के गौरक्षा बिल पर संसद में जोरदार बहस

राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी के निजी विधेयक गौ संरक्षण विधयेक, 2007 पर को दो घंटे तक लंबी और मजेदार चर्चा हुई। इस दौरान बीजेपी के एक सांसद ने कहा कि गाय के मूत्र में औषधीय गुण हैं और इससे कैंसर का इलाज हो सकता है। वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को विचार करना चाहिए कि जिन देशों में बीफ खाया जाता है, उनसे अपने राजनयिक संबंध नहीं रखे। गुजरात से भाजपा के सांसद शंकरभाई वेगड़ ने राज्यसभा में कहा कि गोमूत्र के सेवन ने 76 साल की उम्र में ना सिर्फ उन्हें तंदरुस्त रखा है बल्कि इसके इस्तेमाल से उनके पिता का कैंसर भी ठीक हो गया। वेगड़ ने कहा, “10 सालों से मैं गोमूत्र पी रहा हूं, मैं गोमूत्र की 10 मिलीलीटर मात्रा को गुनगुने पानी में मिलाता और पीता हूं इसके बाद दोपहर तक कुछ नहीं खाता हूं, मैं अब 76 साल का हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है, मैं इसका जीता-जागता उदाहरण हूं।” उन्होंने कहा कि अगर किसी को कैंसर की बीमारी है और वह प्रांरभिक अवस्था जैसे कि स्टेज वन या स्टेज टू में है तो गोमूत्र के सेवन से ठीक हो सकता है, और उन्होंने अपने पिता को ठीक होते हुए भी देखा है।

थियेटर ऑफ़ रेलेवेंस का राजनीतिक दखल !

थियेटर ऑफ़ रेलेवेंस के माध्यम से मंजुल भारद्वाज अब राजनीति में भी दखल देने को तैयार हैं. हालांकि सालों से वह कंपनियों, संस्थाओं और विभिन्न एनजीओ के कार्यकर्ताओं और अधिकारियों में लीडरशिप तराशने के लिए वर्कशॉप करते आ रहे हैं, लेकिन पिछले दो एक सालों से राजनीति में उनका सीधा हस्तक्षेप बढ़ा है. योगेन्द्र यादव के राजनीतिक संगठन “स्वराज इंडिया” के लिए उन्होंने कई शिविर किये हैं और कार्यकर्ताओं-नेताओं की राजनीतिक चेतना को धार देने और दृष्टि को लक्ष्य भेदी बनाने में प्रभावी रोल निभाया है. पिछले सप्ताह थियेटर ऑफ़ रेलेवेंस के मुम्बई के साथियों ने मालाड में एक राजनीतिक चिंतन रैली निकाली. हजारों की भीड़ नहीं थी रैली में लेकिन हजारों का ध्यान जरूर खींचा अपनी तरफ. उनके हाथों में पोस्टर और बैनर थे, जिस पर राजनीति का मतलब लिखा था. रैली में शामिल लोगों ने स्वच्छ राजनीति के लिए शपथ ली.   

बर्बादी रोकनी है, तो नमभूमि बचाएँ

विश्व नमभूमि दिवस - दो फरवरी, 2018 पर विशेष तल, वितल, सुतल में नमी न हो, तो भूमि फट जाये और हम सभी उसमें समा जायें। भूमि की ऊपरी परत में नमी न हो, तो चाहे जितने बीज बिखेरें, वे सोये ही रहेंगे; नन्हा अंकुर कभी बाहर नहीं आयेगा। हवा में नमी न हो, तो धरती तापघर में तब्दील हो जाये; नन्हा अंकुर दिन-दहाड़े झुलस जाये। नम हवा चलती है, तो फसलों में जरूर कुछ कीडों वाली छोटी-मोटी बीमारियां लाती है, लेकिन हवा में नमी न हो, तो फसल ही न हो; हम भूख से मर जायें। कितने पौधे हैं, जो अपनी जीवन-जरूरत का पानी मिट्टी से नहीं, हवा से लेते हैं। दुनिया में जैव विविधता का आंकड़ा लगातार घट रहा है। हवा की नमी में और कमी हुई, तो जैव विविधता का सत्यानाश तो तय है; हमारी सेहत का भी।

मिफ़्फ़ 2018 में श्याम बेनेगल को व्ही शांताराम लाइफटाइम अचिवमेंट सम्मान

मुंबई। वृत्तचित्र, लघु और एनिमेशन फिल्मों को समर्पित मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्व, मिफ़्फ़ 2018 के प्रतिष्ठित व्ही शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से वरिष्ठ निर्माता निर्देशक...

गांव, गरीब और किसान की सुुध लेता बजट

बजट हर वर्ष आता है। अनेक विचारधाराओं वाले वित्तमंत्रियों ने विगत में कई बजट प्रस्तुत किए। पर हर बजट लोगों की मुसीबतें बढ़ाकर ही जाता है। लेकिन इस बार बजट ने नयी परम्परा के साथ राहत की सांसें दी है तो नया भारत- सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प भी व्यक्त किया है। इस बजट में कृषि, शिक्षा, कौशल विकास, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ किसानों, गांवों और गरीबों को ज्यादा तवज्जो दी गयी है। सच्चाई यही है कि जब तक जमीनी विकास नहीं होगा, तब तक आर्थिक विकास की गति सुनिश्चित नहीं की जा सकेगी। इस बार के बजट से हर किसी ने काफी उम्मीदें लगा रखी थीं और उन उम्मीदों पर यह बजट खरा उतरा है। शहरों के मध्यमवर्ग एवं नौकरीपेशा लोगों को अवश्य निराशा हुई है। इस बार आम बजट को लेकर उत्सुकता इसलिए और अधिक थी, क्योंकि यह मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था। संभवतः इस बजट को नया भारत निर्मित करने की दिशा में लोक-कल्याणकारी बजट कह सकते हैं। यह बजट वित्तीय अनुशासन स्थापित करने की दिशाओं को भी उद्घाटित करता है।

स्वदेशी जागरण मंच की मांग, स्वास्थ्य बीमा से विदेशी कंपनियों को दूर रखा जाए

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अपने बजट भाषण के दौरान स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रस्ताव रखा था. इस योजना के जरिये उन्होंने 10 करोड़ गरीब परिवारों को मदद मिलने की उम्मीद जताई है. इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार से एक अपील की है. मंच ने कहा है कि इस बीमा योजना से विदेशी कंपनियों को दूर रखा जाना चाहिए. संघ को भाजपा का पितृसंगठन भी माना जाता है.

‘परोपकार’ तो राजस्थानियों के संस्कारों और दिल में बसता है

मुंबई की अग्रणी सामाजिक संस्था परोपकार ने विगत 20 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्यों से लेकर, अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी कर अपनी एक खास पहचान बनाई है।

कमला दास जिन्होंने अपनी आत्मकथा से सनसनी मचा दी थी, गूगल ने बनाया डूडल

अंग्रेजी व मलयालम भाषा की मशहूर भारतीय लेखिका कमला सुरय्या पूर्व नाम कमला दास के काम और जिंदगी को याद करते हुए आज गूगल ने विशेष डूडल बनाया. निजी जिंदगी में बेहद साधारण रूप से जीवन जीने वाली कमला दास ने जब कागज पर अपनी भावनाओं को उकेरते हुए रचनाएं लिखी तो वे दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई. साल 1984 में उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया. आजादी से तेरह साल पहले 1934 में केरल में जन्मी कमला दास ने बहुत छोटी उम्र में कविताएं लिखना शुरू कर दी थी. उनकी मां बालमणि अम्मा भी बहुत अच्छी कवियित्री थीं. उनकी लेखनी का भी कमला दास पर काफी असर पड़ा. मां से प्रेरणा लेकर उन्होंने सिर्फ 6 साल की उम्र में कविताएं लिखना शुरू कर दीं.

ट्वीटर से अमिताभ बच्चन का भरोसा उठा, प्रशंसकों की संख्या घटाने पर ट्वीटर छोड़ने की धमकी दी

पिछले साल दिसंबर महीने में ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स ट्विटर ने सबसे ज्यादा फॉलोअर्स वाले स्टार्स की लिस्ट जारी की थी। जिसमें में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बाद बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन शामिल थे। ताज़ा अपडेट यह है कि अमिताभ बच्चन ट्विटर से नाराज़ हैं क्योंकि उनके मुताबिक ट्विटर ने उनके फॉलोअर्स की संख्या घटा दी है। बिग बी ने अपने लेटेस्ट ट्वीट में ट्विटर छोड़ने के संकेत दिए हैं!
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