Saturday, April 20, 2024
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Monthly Archives: April, 2018

पहली घंटी बजने से लेकर अब तक कितना बदला मोबाइल फोन?

आज 3 अप्रैल है यानी वो दिन जब 1973 में पहली बार मोबाइल की घंटी बजी थी। मोटोरोला के मार्टिन कूपर ने अपने प्रतिद्वंदी बेल लैब्स के डॉ. जोएल एस एंगेल को पहली बार मोबाइल से कॉल की थी। यह वो वक्त था जब ऐपल इंक. ने अपने ऑपरेशन शुरू ही किए थे और गूगल इंक. जैसी कई दूसरी दिग्गज टेक कंपनियां तो अस्तित्व में भी नहीं आईं थीं।

श्री अनिल सिंघवी ज़ी बिज़नेस पर दिखाई देंगे

जी मीडिया समूह ने सीएनबीसी के प्रमुख चेहरे अनिल सिंघवी को मैनेजिंग एडिटर पद पर नियुक्त किया है।

हीरो होंडा वापस लेगी एक्टिवा और एविएटर स्कूटर

दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) ने सस्पेंशन के लिए इस्तेमाल पुर्जे (फ्रंट फोर्क) में गड़बड़ी के चलते बाजार में बेचे गये तीन मॉडलों के 56,194 स्कूटरों को वापस लेने का फैसला किया है. इनमें एक्टिवा 125, एविएटर और ग्राजिया शामिल हैं.

फलों का सस्ता रस पिलाकर खड़ी की 2 हजार करोड़ की कंपनी

इन दिनों उत्तर भारत में लू के थपेड़े लोगों का गला सुखा रहे हैं। लेकिन देश की एक बड़ी आबादी आज भी जूस या कोल्ड्रिंक्स पर पैसे खर्च करने की सामर्थ्य नहीं रखती है। जमीन से जुड़े शख्स धीरेंद्र सिंह को इस बात का इल्म था, इसलिए पेय पदार्थों के बड़े और महंगे ब्रांड्स को देखते हुए उन्होंने किफायती ब्रांड खड़ा कर दिया। गांवों और कस्बों से अगर आपका वास्ता है तो ‘मनपसंद’ नाम का मैंगो जूस जरूर पिया होगा या वह आपकी नजरों से होकर गुजरा होगा। अब यह ब्रांड बड़े शहरों में भी पैर जमा रहा है। इसे शुरू करने वाले 55 वर्षीय धीरेंद्र सिंह की कहानी प्रेरित करती है। मशहूर मैगजीन फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक धीरेंद्र सिंह ने मैंगो जूस बेचकर 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति बना ली। धीरेंद्र सिंह उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में पले-बढ़े हैं, लेकिन उन्होंने अपनी कंपनी मनपसंद बेवरेजेस गुजरात में शुरू की।

हैदराबाद के नेक पुलिसवाले की हो रही है वाहवाही

अक्‍सर ट्रैफिक पुलिस के भ्रष्‍टाचार की खबरें आती रहती हैं लेकिन हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस की एक तस्‍वीर इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर में ट्रैफिक होमगार्ड बी गोपाल एक बेघर महिला को खाना खिला रहे हैं। बी गोपाल का यह मानवीय चेहरा लोगों के दिलों को छू गया और वे सोशल मीडिया पर इस तस्‍वीर को खूब शेयर कर रहे हैं।

40 साल से भारत में रहकर गौसेवा कर रही जर्मन महिला को देश छोड़ना पड़ेगा

जर्मनी की रहने वाली एक महिला को भारत यात्रा के दौरान गायों से ऐसा प्यार हुआ कि वह पिछले 40 सालों से मथुरा के गोवर्धन में रहकर बीमार गायों, बछड़ों की सेवा कर रही हैं। लेकिन अब कानूनी अड़चनों के कारण इस जर्मन महिला को वापस अपने देश लौटना होगा। बता दें कि जर्मनी की रहने वाली फ्रेडरिक इरिन ब्रूनिंग 1972 में भारत घूमने आयी थी। इस दौरान जब वह ब्रज भूमि आयी तो उन्हें सड़क किनारे एक गाय तड़पती दिखाई दी। इससे फ्रेडरिक इरिन काफी दुखी हुई और उन्होंने भारत में रहकर ही गायों की सेवा करने का संकल्प ले लिया। ब्रूनिंग ने गोवर्धन के राधा कुंड से कुछ ही दूरी पर स्थित कोन्हई गांव में 5 बीघा जमीन किराए पर लेकर गायों की सेवा शुरु कर दी। इतना ही नहीं ब्रूनिंग ने अपना नाम भी बदलकर सुदेवी दासी रख लिया और गायों की सेवा में ही अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
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