Thursday, March 28, 2024
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Monthly Archives: July, 2018

जीवन में पूर्णता लाते हैं गुरु

भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है, यह अध्यात्म-जगत की सबसे बड़ी घटना के रूप में जाना जाता है। पश्चिमी देशों में गुरु का कोई महत्व नहीं है, वहां विज्ञान और विज्ञापन का महत्व है परन्तु भारत में सदियों से गुरु का महत्व रहा है। यहां की माटी एवं जनजीवन में गुरु को ईश्वरतुल्य

विलम्ब से विवाह वरदान या अभिशाप ?

वि+वाह; यानी विशेष उत्तरदायित्व का निर्वहन करना. सनातन धर्म में विवाह को सोलह संस्कारों में से एक अहम् संस्कार माना गया है. पाणिग्रहण संस्कार को ही हम आम बोलचाल की भाषा में विवाह संस्कार के नाम से जानते हैं. वैदिक मान्यताओं के अनुसार, व्यक्ति के समस्त कालखंडों को चार भा

फेसबुक छोड़कर जतिन मल्होत्रा जियो में सेवाएँ देंगे

जतिन मल्‍होत्रा की नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब रिलायंस जियो के सीटीओ जगबीर सिंह ने पिछले दिनों इस्‍तीफा दे दिया था। अब कंपनी सिलिकॉ

बुराड़ी में आत्महत्या करने वाले परिवार के कुत्ते की दिल के दौरे से मौत

बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों ने अंधविश्वास में आकर सामूहिक हत्या कर ली थी। पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाले बुराड़ी कांड के रहस्य तक पुलिस अभी तक पहुंच ही नहीं पाई थी कि भाटिया परिवार के एक मात्र जीवित बचे पालतू कुत्ते टॉमी की भी मौत हो गई। बताया जा रहा है

एक फिल्म का साहित्य में बदल जाना, ‘अदृश्य’ होगी दृश्य 29 जुलाई को

‘अदृश्य’ फिल्म के पटकथा-संवाद लेखक अलका अग्रवाल सिग्तिया एवं विवेक अग्रवाल ने ए क अनूठा प्रयोग साहित्य तथा फिल्म संसार में कर दिखाया है। लेखक जोड़ी ने एक निराले विषय पर संदीप चटर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म अदृश्य को उपन्यास की शक्ल दी है। आज तक फिल्म ज

देश में चार बुलेट ट्रैनें चल रही है, मगर न लोोगं को पता है न सरकार को

भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) को उत्तर प्रदेश में पहले से चल रहीं चार बुलेट ट्रेनों का पता चला है. ये असली बुलेट ट्रेनें नहीं हैं, बल्कि भारतीय रेलवे द्वारा दस्तावेजों में की गई गलतियों का नतीजा हैं. कैग ने जब रेलवे के दस्तावेजों की ऑडिटिंग की तो पता चला कि तीन ट्रेनों -

वो बच्चा जो चुप रहता था…..

सुश्री वसुंधरा दीदी एक छोटे से शहर के प्राथमिक स्कूल में कक्षा 5 की शिक्षिका थीं। उनकी एक आदत थी कि वह कक्षा शुरू करने से पहले हमेशा "आई लव यू ऑल" बोला करतीं। मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं कहती । वह कक्षा के

कारगिल के वो योध्दा जिन्होंने जान की बाजी लगाकर देश को बचाया

कारगिल युद्ध 20 मई 1999 को शुरू हुआ तो मेरठ के रणबांकुरे भी इसमें आहुति देते गए। देश के रणबांकुरों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों पर फतह शुरू की तो मेरठ शहर और आसपास के गांवों के लोग भी दिल से इस युद्ध में शामिल हो गए। जब-जब मेरठ कैंट से फौजियों की टोलियां कारगिल के लिए निकलीं तब तब भारी भीड़ ने पुष्प वर्षा की। नौनिहालों से लेकर बुजुर्गों तक कैंट से निकलने वाली सड़कों पर तिरंगा लेकर खड़े हो गए।

ई-रिक्षा वालों को श्री सुभाष चन्द्रा की सौगात

देश में टेलीविज़न मीडिया के क्षेत्र में क्रांति लानेवाले देश के प्रमुख औद्योगिक समूह एस्सेल ग्रुप के अध्यक्ष श्री सुभाष चंद्रा अब देश के लोगों को एक बड़ा तोहफा देने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में ई-रिक्शा चालकों के लिए एक बड़ी सौगात का एलान करते हुए उन्होंने कहा कि समूह के उद्यम एस्सल इंफ्राप्रोजेक्ट्स

हर व्यक्ति विलक्षण होता है, हम उसे पहचानने की कला सीखेंः श्री सुभाष चन्द्रा

ज़ी एवँ एस्सेल समूह के अध्यक्ष व राज्य सभा सांसद श्री सुभाष चन्द्रा ने पिछले दिनों लेडिज़ स्टडी ग्रुप कोलकाता द्वारा आयोजित एक संवाद में उपस्थि
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