Monthly Archives: April, 2019
बुर्के को बैन करेगी श्रीलंका सरकार
यूएनपी के सांसद मुजीबुर रहमान ने कहा है कि वह प्रस्तावित प्रतिबंध का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी बुर्का नहीं पहनती है और न ही मैं अपने बच्चों को इसे पहनाने की योजना बना रहा हूं।
लो आया एक और चैनल
गुरुग्राम से शुरू होने वाले इस चैनल के जल्द विस्तार की भी तैयारी है। मीडियाकर्मियों की भर्तियां ज़ोरों पर हैं।
दक्षिण कोरिया की वंदना नारन ने 6 अलग-अलग धुनों में गाई हनुमान चालीसा
वंदना नारन ने कहा, "हमने इस सीडी में हनुमान चालीसा की विभिन्न धुनों को एकसाथ रखने का फैसला किया ताकि यह अलग-अलग आयु वर्गों के लोगों को आकर्षित कर सके
दागी उम्मीदवारों को नकारना होगा
इस सर्वोच्च मंच पर आपराधिक एवं दागी नेताओं का वर्चस्व होना विडम्बनापूर्ण है। राष्ट्र के व्यापक हितों के लिये गंभीर खतरा है। भ्रष्टाचार और राजनीति का अपराधीकरण भारतीय लोकतंत्र की नींव को खोखला कर रहा है।
माखनलाल चतुर्वेदी वि.वि. में प्रवेश प्रक्रिया शुरु
इसके तहत एमए (पत्रकारिता), एमए (जनसंचार), एमए (विज्ञान एवं जनसंपर्क), एमएससी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया), एमएससी (फिल्म प्रॉडक्शन), एमएससी (नवीन मीडिया), एमबीए
अपने मजेदार अंदाज़ से खूब सुर्खियाँ बटोर रहे हैं संदीप पात्रा
जब मैंने उन्हें याद दिलाया कि ऐसे फ़ोटो तो वे ख़ुद ही सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं तो पात्रा बातचीत को एक दूसरी दिशा में ले गए.
अंदाज-ए-बयां में शकील अहमद ने बांधा गजलों का समां
गीतकार और गायक शकील अहमद ने इन महान हस्तियों की कुछ सुप्रसिद्ध गजलों को आवाज दी। शकील अहमद की आवाज में इन महान हस्तियों की गजलें सुनकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
यूक्रेन के लोगों ने एक कॉमेडियन को राष्ट्रपति क्यों चुना है
इस सर्वेक्षण से जुड़े विशेषज्ञ एंड्री बिचेंको जर्मन न्यूज़ एजेंसी डॉयचे वेले से कहते हैं, ‘सीरियल में ईमानदार टीचर और राष्ट्रपति का किरदार चुनाव में जेलेंस्की की मदद तो कर ही रहा है, लेकिन उन्हें इतना ज्यादा समर्थन मिलने की मुख्य वजह यह नहीं हैं.
विचार का जन्म तो होता है, मृत्यु नहीं : पी नरहरि
देश, समाज और गांधी स्मारिका में देश भर के 40 से अधिक गांधी पर चिंतन- मनन करने वाले विद्वान लेखकों के लेख प्रकाशित किए गए हैं।
यह चिट्ठी सेना का राजनीतिक दुरुपयोग है
अवधेश कुमार - 0
उसके एक वर्ष बाद विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए यह सबसे बड़ा मुद्दा था और उसे भारी सफलता मिली। कोई भी सरकार होगी वह अपने ऐसे फैसले की चर्चा करके वोट पाने की कोशिश करेगी।