Monthly Archives: May, 2020
जब अहमद के पिताजी ने पूरे गाँव में रसगुल्ले बाँटे
खलील अहमद और उनके क्रिकेटिंग स्टारडम के बारे में ऐसी ही अन्य रोचक कहानियों के लिए क्रिकबज़ के शो स्पाइसी पिच का नया एपिसोड देखें।
एक मध्यमवर्गीय कुत्ता
थोड़ा-सा मरी आवाज में गुर्राया। आसपास वे आवारा कुत्ते भौंक रहे थे, पर यह उनके साथ भौंका नहीं। थोड़ा गुर्राया और फिर निढाल पड़ गया। मैंने मेजबान से कहा, 'आज तुम्हारा कुत्ता बहुत शांत है।'
20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज से मजबूत होगा एमएसएमई क्षेत्र
वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी के चलते अब जब भारत में आर्थिक गतिविधियों को पुनः चालू किया जा रहा है तब केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र को एक विशेष आर्थिक
बलूचिस्तान में हर परिवार से एक सदस्य गायब हो रहा है
वक्ताओं ने पाकिस्तान की सेना पर देश के संसाधन संपन्न प्रांत बलूचिस्तान में बुद्धिजीवियों, छात्रों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं का अपहरण कर यातना देने और मौत के घाट तक उतार देने जैसे
भारत का इतिहास: पराजय नहीं, संघर्षों का इतिहास है
प्रणय कुमार - 0
जिनका नाम लेते ही नस-नस में बिजलियाँ-सी कौंध जाती हो; धमनियों में उत्साह, शौर्य और पराक्रम का रक्त प्रवाहित होने लगता हो; मस्तक गर्व और स्वाभिमान से ऊँचा हो उठता हो- ऐसे
योग के रैबिट पोज़ से स्वर्ग में देवताओँ में खलबली
रोमन के प्रभाव से देवनागरी के शुद्ध शब्द अशुद्ध रूप में प्रचलित हो गये हैं। वैसे ये भाषा का दोष नहीं है,बोलने वालों का दोष है। मेरा मत है कि जितनी भी देशी या विदेशी भाषाएँ हम सीखें ,
कोरोना ने बताए हिंदुस्तान के दो चेहरे
वे चीन या ब्रिटेन या अमेरिका जाकर कोरोना कैसे ला सकते थे ? उनके पास तो दिल्ली या मुंबई से अपने गांव जाने तक के लिए पैसे नहीं होते। यह कोरोना भारत में जो लोग जाने-अनजाने लाए हैं,
डिजिटल मिडिया के लिए विश्वसनीयता बड़ी चुनौती
संदीप सृजन - 0
आज तो लोगो की मजबूरी है कि उनके पास अखबार नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से सूचनाओं के लिए लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर जा रहे है।
हमारे हनुमान तो इस समय प्रार्थनाओं में ही उपस्थित हैं
श्रवण गर्ग - 0
खबरों के मुताबिक़ ,इस समय दुनिया के अलग-अलग स्थानों पर कोई सौ तरह की वैक्सीन पर काम हो रहा है।कोई आठ वैक्सीन मानव-परीक्षण की प्रक्रिया में हैं ।पर उल्लेख करने योग्य सफलता अभी कहीं भी प्राप्त नहीं हुई है।
नांदेड़ में साधु की हत्या से उठते सवाल
प्रणय कुमार - 0
इन सबको जानने के लिए हमें धर्मांतरण के कुचक्र व उससे उपजी जटिल एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं को विस्तार से समझना पड़ेगा|