Monthly Archives: June, 2020
जेमिमा रॉड्रिग्स राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बनना चाहती थीं—संयोग से क्रिकेट में आ गई
हालांकि रॉड्रिग्स के क्रिकेटर बनने की कहानी किस्मत की बात हो सकती है लेकिन उनकी माँ को अभी भी उनकी हॉकी की प्रतिभा पर भरोसा है। वे कहती हैं, “मैं आज भी मानती हूँ कि जेमिमाह देश के लिए हॉकी भी खेल सकती है।
शास्त्रार्थ महारथी पं. गणपति शर्माः जिन्होंने शास्त्रार्थ के माध्यम से वेदों को घर घर तक पहुँचाया
प्रचार करते हुए आपने कभी किसी भी बाधा को कार्य में अवरोध नहीं खड़ा करने दिया, यहाँ तक कि अत्यधिक रुग्ण होने पर जब ताप ने १०३ डिग्री तक को छू लिया तो भी आप व्याख्यान देते रहे| विश्राम की तो आप कभी इच्छा ही नहीं
माँ के साथ चूड़ियाँ बेचने वाला बना आईएएस
पहली बार में नहीं मिली सफलता: मां को गाय खरीदने के लिए मिले लोन से रमेश ने IAS की तैयारी शुरू कर दी। पुणे के कोचिंग सेंटर में तैयारी करने के बाद साल 2010 में उन्होंने पहली बार UPSC परीक्षा के लिए आवेदन किया
‘देव’ सोने से पहले स्थापित होंगे शिव के ‘मंत्री’
चार्तुमास में किसी भी शुभ कार्य को करना अच्छा नहीं माना गया है. इन चार महीनों में शादी विवाह, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश, यज्ञोपवित, नई बहुमूल्य वस्तुओं की खरीद और नामकरण संस्कार जैसे धार्मिक कार्य वर्जित मानें गए हैं…
क्या इंदिरा गांधी सचमुच में एक क्रूर तानाशाह थीं ?
श्रवण गर्ग - 0
आपातकाल लागू करना अगर देश में तानाशाही हुकूमत की शुरुआत थी तो क्या उसकी समाप्ति की घोषणा इंदिरा गांधी की उन प्रजातांत्रिक मूल्यों और परम्पराओं में वापसी नहीं थी जिनकी बुनियाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी ?
हरियाणा के सभी न्यायालयों में हिंदी भाषा में काम करना हुआ अनिवार्य
सचिन कुमार - 0
इस संगोष्ठी में वरिष्ठ अधिवक्ता न्यायधीश और शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया और इस पर एक चर्चा की गई जो चर्चा इतनी लंबी हुई कि 2015 में कुछ 10-20 लोगों ने भारतीय भाषा अभियान नामक संगठन बनाया और इस पर पूरी तरह से
गाली और गोली हमारी वैचारिक हार हैं
संत विनोबा का कहना था कि आपने मुझे गाली दी और मैने आपकी गाली लेली तो गाली सफल हो गयी पर आपकी गाली मैने ली ही नहीं तो आपकी गाली असफल हो गयी।निर्भयता का मूल यहीं हैं कि गाली देने वाले की गाली को लेना ही नहीं हैं।इसी में मनुष्य और विचार दोनों की अमरता हैं।
सफलता की कहानी: धमतरी मे हरियाली के साथ खुशहाली
पोटियाडीह के सरपंच श्री खम्हनलाल ध्रुव ने बताया कि धमतरी जिला मुख्यालय के नजदीक होने के कारण गांव की शासकीय भूमि को अतिक्रमण से बचाना बहुत बड़ी चुनौती थी। ग्राम पंचायत ने मनरेगा के माध्यम से पौधरोपण
सती रानी प्रभावतीः जिसने किले में घेरकर मुस्लिम सेना का सफ़ाया कर दिया
रानी प्रभावती ने भी अपनी सेना को कूच का आदेश दे दिया तथा दोनों सेनाओं में खूब जोरदार मार काट हुई। शत्रु की एक बडी सेना इस में खेत हुई , जबकि बहुत से राजपूत सैनिक भी शहीद हो गये। अब रानी के पास मुठ्ठी
आपातकाल नहीं चाहिए तो फिर कुछ बोलते रहना बेहद ज़रूरी है !
श्रवण गर्ग - 0
सच तो यह है कि साहस करके कुछ भी बोलते रहना अब बहुत ही ज़रूरी हो गया है।अगर ऐसा नहीं किया गया तो हम भी चट्टानों की तरह ही क्रूर, निर्मम और बहरे हो जाएँगे।तब हमें भी किसी दूसरे या अपने का ही बोला हुआ कभी