Monthly Archives: August, 2020
छ:सौ अरब बनाम पाँच रूपये रोज
प्रधानमंत्री की घोषणा कि छ:सौअरब की अतिविशाल लगने वाली आकर्षक राशि गरीबी रेखा के नीचे वाले आदमी के हाथों में पहुंच एक दिन दोनों समय का भोजन खा पाने के लिये एकाएक कितनी अधिक नाकाफी या क्षुद्रतम हो जाती हैं।
सशक्त भारत का माध्यम बनेगा राम मन्दिर
श्रीराम का सम्पूर्ण जीवन विलक्षणताओं एवं विशेषताओं से ओतप्रोत है, प्रेरणादायी है। उन्हें अपने जीवन की खुशियों से बढ़कर लोक जीवन की चिंता थी, तभी उन्होंने अनेक तरह के त्याग के उदाहरण प्रस्तुत किये। राजा के इन्हीं आदर्शों के
मातृभाषा में पढ़ने से ही बच्चे का सही मानसिक विकास होता है
क्या जो शिक्षा हमारे देश के करोड़ों बच्चों को मिलती रही है उससे उपर्युक्त लक्ष्यों की प्राप्ति हो हुई? नहीं। इधर तो व्यवसाय या नौकरी ही शिक्षा का उद्देश्य रहा । जब इस तरह की सोच के साथ हम शिक्षा का प्रसार-प्रचार करेंगे तो
आखिर इतना धन मोदी सरकार के पास कहां से आया …
अन्य जन उपकारी योजनाओं पर हजारों करोड़;
12. युवाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए बिना गारंटी के हजारों करोड़ के तुरंत बैंक लोन!
13. और भी लाखों करोड़ के कल्याणकारी कार्यक्रमों का आरंभ.
हैदराबाद: मुचलम्ब गाँव की महिलाओं का जौहर
वहां की हिन्दू तथा आर्य समाजी महिलाओं को संगठित कर तथा इस संगठन को सुदृढ़ करने, जनमानस में स्वतंत्रता की ज्योति जगाने तथा उनका नवनिर्माण करने की भावना पैदा करने के लिए अहिल्याबाई महिला संगठन खड़ा किया गया|
कान्वेंट शब्द पर गर्व न करें, सच समझें
भारत देश में अब भारतीयों की समझ देखिए जिनके जायज माँ बाप भाई बहन सब हैं, वो काँन्वेन्ट में जाते है तो क्या हुआ एक बाप घर पर है और दूसरा काँन्वेन्ट में जिसे फादर कहते हैं। आज जिसे देखो काँन्वेंट खोल रहा है जैसे बजरंग
नयी शिक्षा नीति में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की सलाह और सन्देश का समावेश भारतीयता का गौरव
डॉ. चंद्रकुमार जैन धन्यभाव से कहते हैं कि माटी को भी मंगल कलश में ढालने अचूक की कला सिखाने वाले आचार्य श्री की कृपा दृष्टि मानवता के उद्धार के लिए समर्पित है। भारत और भारतीय चेतना के वे प्रखर पक्षधर हैं।
अयोध्या का वो मंजर जो न किसी ने देखा, न किसी ने लिखा
कहने को तो ये बहुत ही सामान्य जानकारी थी, मगर मेरे खुराफाती पत्रकारिता वाले दिमाग के लिए ये बहुत बड़ी जानकारी थी। ये रणनीति इसलिए बनाई गई थी कि अगर गोली चले तो सबसे पहले प्रधानमंत्री नरसिंहराव के गृह जिले
वर्षों से प्रकाशस्तंभ की भाँति विद्यमान हैं लोकनायक श्रीराम
मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम भारत की आत्मा हैं। राम भारतीय संस्कृति के भव्य-दिव्य मंदिर के न केवल चमकते शिखर हैं, अपितु वे वास्तव में उसके आधार भी हैं। इसलिए राम का जीवन उनके समय से लेकर आज तक प्रासंगिक है।
‘रामलला हम आएंगे’ कहा था, लेकिन घर बैठने को मजबूर !
रामजन्म भूमि मंदिर के शिलान्यास के आयोजन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां पूरी हो गई हैं। कोरोना संक्रमण के डर से मंदिर के भूमिपूजन पंडाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सिर्फ 150 लोगों को ही प्रवेश दिए जाने की तैयारी है।