Tuesday, April 16, 2024
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Monthly Archives: September, 2020

पोस्ट ऑफिस में अब एक ही छत के नीचे मिलेंगी 73 जनोपयोगी सेवाएं – डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव

कोरोना संक्रमण के इस दौर में आमजन को विभिन्न सेवाओं के लिए भटकना न पड़े और सारी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो सकें, इसके लिए अब डाकघरों में भी काॅमन सर्विस सेंटर की स्थापना की जा रही है।

शादी करनी है तो जीतो की ऑनलाइन मीट में आइए

जीतो मुंबई झोन के चेयरमेन हितेश दोशी एवं चीफ सेक्रेटरी विकी ओसवाल तथा जेएमएपी के डायरेक्टर इंचार्ज विमल संघवी एवं चेयरमेन प्रवीण धोका के नेतृत्व में ‘जीतो ग्लोबल मैट्रिमोनियल ऑनलाइन मीट-2020’ को एक खास आयोजन

पूर्वजों के ऋण से उऋण होने और श्रध्दा का पर्व है श्राध्द

करते हुए खाना अर्पित किया जाता है. पितृ पक्ष को श्राद्ध और कनागत भी कहा जाता है जो अक्सर भद्रापद महीने में अनंत चतुर्दशी के बाद आते हैं.वसु, रुद्र और आदित्य श्राद्ध के देवता माने जाते हैं।

महंंगा हमेशा ही अच्छा नहीं, खुली लूट का पर्याय भी हो सकता है!

महंगा चुनौती का विषय न हो जीवन में वैभव का प्रदर्शन हो गया। हमें मंहगे से नहीं सस्ते से परेशानी होती है।सस्ती आवागमन व्यवस्था, शिक्षा - चिकित्सा सुविधाओं को दोयम दर्जे में धकेल कर हम आगे आकर महंगी चीजों को जीवन

पिता को मात दने वाली राजा अशोक की बेटी संघमित्रा

महाराज अशोक के एक पुत्र तथा एक पुत्री थे| राजकुमार का नाम महेंद्र था और राजकुमारी का नाम संघमित्रा था|( कुछ इतिहासकारों ने इस राजकुमारी को अशोक की बहन माना है, जो ठीक नहीं है|)

श्रध्दांजलि हमारा एक राष्ट्रीय दायित्व है

कई नेताओँ ने तो ऐसे प्रोफेशनल श्रध्दांजलि लिखने वाले रख रखे हैं जो किसी के मरते ही उसकी शान में ऐसी श्रध्दांजलि लिखते हैं कि श्रध्दांजलि देने वाले की भी मरने की इच्छा हो जाए।

मङ्गल फिर आएगा, यह विश्वास जगाना है

हमारी संस्कृति में गणेशजी की तरह अन्य देवी-देवताओं का ही आवाहन और विसर्जन नहीं है बल्कि कथा तक का विसर्जन है। आवाहन जितना भावनात्मक हैं,

रामकथा के प्रथम अन्वेषक फादर कामिल बुल्के

आज डॉ. फादर कामिल बुल्के की 111वीं जन्मतिथि है. इस अवसर पर हम हिन्दी भाषा और राम- कथा पर किए गए उनके असाधारण शोध- कार्य का स्मरण करते हैं और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं.

प्रणव दा: भारतीय राजनीति के अजातशत्रु

मुखर्जी को पार्टी के भीतर तो सम्मान मिला ही, सामाजिक नीतियों के क्षेत्र में भी काफी सम्मान मिला है। अन्य प्रचार माध्यमों में उन्हें बेजोड़ स्मरणशक्ति वाला, आंकड़ाप्रेमी और अपना अस्तित्व बरकरार रखने की अचूक इच्छाशक्ति रखने वाले

कट्टर कांग्रेसी छवि के बावजूद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सबके चहेते रहे

प्रणब दा के राजनीतिक जीवन की अनेक विशेषताएं एवं विलक्षणताएं रही हैं। कानून, सरकारी कामकाज की प्रक्रियाओं और संविधान की बारीकियों की बेहतरीन समझ रखने वाले प्रणब दा 2014 के बाद नई भाजपा सरकार से अच्छे संबंध
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