Monthly Archives: October, 2020
विज्ञान धर्मप्राप्ति का सर्वोत्तम साधन : एक विमर्श
भारत की विचार परंपरा को पुनः सक्रिय करने के लिए फिर कोई शंकराचार्य चाहिए, फिर किसी रामानुज की जरुरत है, फिर मध्व चाहिए, विवेकानंद चाहिए, दयानंद चाहिए, रवीन्द्र चाहिए, राममोहन रे, बाल गंगाधर, महर्षि रमण, गाँधी, विनोबा इत्यादि चाहिये राम रहीम नहीं चाहिए,
आदर्श जीवन की मिसाल गांधीजी और शास्त्रीजी
संदीप सृजन - 0
2 अक्टूबर 1869 को गांधी जी और 2 अक्टूबर 1904 को लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ और दोनों महामानवों के विचार और वैचारिक दृढ़ता में अद्भूत सामंजस्य था। दोनों ने भारत को आजादी
मोदीजी की अपीलः ‘मेरी नई शिक्षा नीति प्रतियोगिता’ में भाग लें
इस प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों को अपनी रचनात्मकता में निखार लाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा। 13 भाषाओं में क्विज, लेटर टू द पीएम, पेंटिंग और मीम्स मेकिंग व अन्य
कृषि क्षेत्र में लागू किए जा रहे नए क़ानून – एक क्रांतिकारी आर्थिक सुधार
केंद्र में माननीय श्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 के बाद से ही किसानों की आय को दुगनी करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है एवं कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु कई योजनाओं
गाँधी दर्शन और भाषा समस्या
द्वैत-अद्वैत, समाज-जाति, व्यवस्था-प्रशासन, राजनीति-धर्म इन्ही सारे विचारों और विषयों पर जब अध्ययन किया जाए, भारत की भाषा समस्या के बारें में चिंतन-मनन किया जाए तो कवि प्रदीप के गीत में सुसज्जित साबरमती के संत के वर्णन के बिना लेखन अधूरा माना जायेगा। हिन्दी फ़िल्म
कविरत्न प्रकाश जी के काव्य में ऋषि दयानंद
कवि छंद और अलंकारों से अपने काव्य को सुन्दर, सुमधुर, सुपाठ्य बनाकर पाठकों को आकर्षित करने की अत्यधिक क्षमता रखते हैं| उन्हें छंद अलंकारों का अत्यन्त ही उत्तम ज्ञान है|
जोकरों, जमूरों और मदारियों को मात देते अर्णब गोस्वामी!
नज़र आती है। इसलिए ‘पूछता है भारत’ कि अर्णब को आखिर गुस्सा क्यों आता है। या वास्तव में आता भी है या नहीं। नहीं आता, तो ‘पूछता है भारत’ कि वे संपादक है या नौटंकीबाज।
मातृभाषा ने मनाया हिन्दी महोत्सव
ज्ञात हो कि मातृभाषा उन्नयन संस्थान हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। इसी तारतम्य में हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
आईआईएमसी में होगा ‘गांधी पर्व’ का आयोजन
2 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे आईआईएमसी परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्वांजलि दी जाएगी। इसके बाद