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बंद हो गैरसेण को राजधानी बनाने के बहकावे का खेल
अरुण तिवारी - 0
गौर कीजिए कि ऐसे ही कारणों से उत्तराखण्ड के 92 में से 71 नगरों में आपूर्ति किए गये पानी की मात्रा, तय मानक से कम बनी हुई है। ऐसे में यह उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी देहरादून व गैरसैण
पहली बार सरकार उन लोगों तक पहुँच रही है जिनको सरकार होने का पता ही नहीं था
भारतवर्ष की आज़ादी के लगभग 73 वर्षों के बाद भी, इस देश के नागरिकों को आज अपनी आवश्यक जरूरतों की पूर्ति हेतु अत्यधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार तो इस संघर्ष के बाद भी
क्यों बर्बाद हो जाते हैं सरकारी संस्थान
और अंत में USSR को बर्बाद करने वाली इसी व्यवस्था का नक़ल हमने अपनाया जो भारतीय वामपंथियों के द्वारा कंग्रेसियों को दी गयी बौद्धिक सलाह पर थी। जिस व्यवस्था ने USSR को बरबाद
हर पल होली कहलाता है।
अरुण तिवारी - 0
अबकी होरी, मोरे संग होइयो हमजोरी।
डरियों इतनो रंग कि मनवा अनेक, एक होई जाय।
हँसमुख अरुण जी का यूँ अचानक चले जाना…
अरुण जी यूँ तो सीधे साधे इंसान थे मगर हेकडीबाजी जबर्दस्त थी। किसी से यदि पंगा ले लिया तो फिर किसी की नहीं सुनते थे।ऐसे ही किसी बात पर नईदुनिया के तब के इंदौर मालिकों
मिल भी न सके यार होली में
घुमाते रहो फ़ोन सभी रिश्तेदारों और मित्रों को
जमे रहो घर में चुपचाप इस बार यार होली में
शक है उन्हें
कार में हम तीन थे फिर भी एक सन्नाटा पसरा हुआ था । कार गलियों में बाएँ - दाएँ मुड़ती हुई गंतव्य की ओर बढ़ रही थी । सुकन्या एवं सौरभ के रिश्तों को सुलझाने की हमारी छोटी सी
फागुन का दर्द !
बस इतना बताना
तेरी फग़ुआ भी क्या मेरी ही तरह है ?
तेरे गालों पर भी क्या मेरा असर है ?
मीठी यादें उस आयोजन की, जो हुआ तो नहीं मगर होने से ज्यादा रोमांचक रहा
देश के सबसे स्वच्छ शहर इन्दौर की अतिथि सत्कार की परंपरा भी देश में अपनी ही तरह की है। मालवा में और खासकर इन्दौर में कोई आए और खाने की यादों से बचकर लौट जाए संभव ही नहीं।
महिमा नागेश्वर पार्श्वनाथ उन्हेल की
सेठ दीपचंद ने संतों की इच्छा के मुताबिक वर्तमान भव्य एवं कलात्मक मंदिर का निर्माण किया। इस जैन मंदिर की ख्याति दिनों-दिन बढ़ती रही और आज यहां दर्शनार्थी विशेष रेलगाड़ी और बसों से