Monthly Archives: July, 2021
मीराबाई चानू : जब एक राष्ट्रपति ने खाया एक गरीब भारतीय लड़की का झूठा चावल …
फरहाना ताज - 1
2018 राष्ट्रमण्डल खेलों में विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण जीतने पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ₹15 लाख की नकद धनराशि देने की घोषणा की।
धारीवाल के विकास विजन पर केंद्रित रहा न्यास बजट
न्यास सचिव राजेश जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि आवासीय,व्यावसायिक योजनाओं, नियमन शुल्क से एवं नगरीय कर आदि से आय का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय इतिहास और संस्कृति अध्ययन हेतु अनूठी पहल
वर्तमान में सात पाठ्यक्रम अभी उपलब्ध हैं, जो क्रमशः पुराणों का अध्ययन, वेद, वेदांग और दर्शन का अध्ययन, प्राचीन भारतीय कला और वास्तुकला, उपनिषद का अध्ययन,
शाहजहाँ को 75 प्रतिशत हिंदू बताने वाले जावेद अख्तर की भारी फजीहत
बराक ओबामा को अमेरिका की संस्कृति से प्रेम है, लेकिन शाहजहाँ को मंदिरों से नफरत थी। बराक ओबामा ईसाई हैं और अमेरिका में 70% ईसाई रहते हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा ईसाई
दुनिया में अब लाल सलाम का भविष्य क्या है?
बलवीर पुंज - 0
वर्तमान समय में चीन और क्यूबा के अतिरिक्त विश्व में एक दलीय साम्यवादी शासन और समाजवादी गणराज्य वाले देशों में लाओस और वियतनाम के साथ वह उत्तर-कोरिया भी शामिल है,
भारतीय वैज्ञानिकों ने ऐसे पदार्थों की खोज की जो यांत्रिक क्षति को स्वयं ठीक करते हैं
आईआईटी खड़गपुर की टीम, प्रो. भानु भूषण खटुआ और डॉ. सुमंत करण ने यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम उपकरणों के निर्माण के लिए नई पदार्थ के प्रदर्शन का अध्ययन किया।
चांदखेड़ी में मुनिश्री सुधासागर ससंघ का भव्य अगवानी के बीच मंगल प्रवेश
इस मौके पर आयोजित धर्मसभा में मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि जो प्राणी मात्र पर परमार्थ कर उसे गिने या याद रखे, वह मुनि नहीं मुनीम होता है।
…तो कोई मूर्ति तिलक, तराजू या तलवार का भी प्रतिनिधित्व क्यों नहीं करती?
यह वही राजनीतिक संस्कृति है जो तिलक तराजू और तलवार , इन को मारो जूते चार बकती हुई कालांतर में किसी मूर्ख के अपशब्द के प्रतिवाद में उस की बेटी बहन को पेश करने की खुले आम
विश्व धरोहर में शामिल हुआ तेलंगाना का रुद्रेश्वर मंदिर मंदिर
तेलंगाना के काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट ने इसे विश्व धरोहर के तौर पर जगह दी है।
भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति
लेखक ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति के महासागर से मोती निकाल कर पुस्तक में माला के रूप में पिरोए हैं, वह बहुत ही श्रम साध्य कार्य है। काफी परिश्रम कर लिखी गई पुस्तक है।