Monthly Archives: September, 2021
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ज्ञान पहुंचाने का माध्यम है लायब्रेरी- डॉ. त्रिपाठी
‘एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ज्ञान पहुंचाने का माध्यम है लायब्रेरी.’ यह बात दिल्ली लायब्रेरी बोर्ड के मेम्बर डॉ. शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी ने कहा.
भगत सिंह को वामपंथी बताना उनके बलिदान का अपमान
वामपंथ का चरित्र आज के चीन से ही मिलता है जो झूठ, छल, कपट, षड्यंत्र, सीनाजोरी एवं कुतर्क का सहारा लेकर विस्तारवाद एवं अधिनायकवाद को समाज मे स्थापित करते हैं।
सुप्त हिंदुत्व को नई धार दी स्व. अशोक सिंघल ने
हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए सामाजिक समरसता के कार्यक्रम भी अशोक जी की प्रेरणा से चलाये गये। एक प्रकार से अशोक जी का हिंदू समाज के लिए अप्रतिम योगदान है
…क्योंकि सवाल मोदी, शाह व हार्दिक की लोकप्रियता में गुजरात के नेतृत्व का भी तो है!
राकेश दुबे - 0
गुजरात अगले साल चुनावी दौर में प्रवेश करनेवाला है। राजनीतिक समीकरण साधने के रंग बिखरने लगे हैं, तो सामाजिक समीकरण संवारने के तीर भी तरकश से निकलने लगे हैं।
असम की मठॉ-मंदिरों की लाखों एकड़ जमीन पर बंगलादेशी घुसपैठियों का कब्जा
इसमें सबसे ज्यादा अतिक्रमण वैष्णव मठों का हुआ है, जिसे असम में ‘सत्र’ भी कहा जाता है। प्राचीन मंदिरों की भूमि का भी खुल कर अतिक्रमण किया गया है।
पुत्रिकामेष्टि की ओर बढ़ता समाज जान गया है, छुपाना ही बीमारी है
सच्चिदानंद जोशी वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव पद पर है। इससे पूर्व वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्याल के कुलसचिव एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता
जर्मन सिनेमा और फतिह अकीन
फतिह अकीन ने अपनी पिछली फिल्मों से अलग यहॉ अलग ड्रामा पेश किया है । घटनाओं को मार्मिक बनाने के लिए जोश होम्स के रॉक ग्रूप " क्वींस ऑफ द स्टोन एज" के संगीत का प्रयोग किया है ।
मनोज कुमार पांडेय को पहला स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मान
सम्मान के लिए तीन सदस्यी निर्णायक मंडल ने सर्वसम्मति से इस संग्रह को वर्ष 2021 के लिए चयनित करने की अनुशंसा की है।
मीडिया के भारतीयकरण से होगा मूल्यनिष्ठ समाज का निर्माण : प्रो. संजय द्विवेदी
ओमशांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम की निदेशक *ब्रह्माकुमारी आशा* ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि आज सबसे बड़ा प्रश्न ये है कि क्या हम शिक्षकों द्वारा दिए गए मूल्यों को आगे लेकर जा रहे हैं?
भगवद् गीता: आज के दौर की हर समस्या का समाधान
यदि हम जागरूकता के साथ देखें, तो भगवान ने हमेशा हमारी मदद की है, जब भी हमें इसकी सख्त आवश्यकता होती है, वह हमारी सहायता करता है।