Friday, March 29, 2024
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Monthly Archives: December, 2021

कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव की शुरुआत

श्री खट्टर ने कहा कि देश में 574 जिलों की मिट्टी के मिश्रण से कृष्ण के विशाल रूप को दर्शाने वाली एक भव्य प्रतिमा का निर्माण किया गया है। मूर्ति को गीता के 574 श्लोकों के अनुसार बनाया गया है

मेरा मौन जो कभी मुखर हो न हो सका

कुछ रवायतें आज ऐसी बनाएं, जो स्त्री के हौसलों को परवाज दें, प्रेम और परवाह की रस्मों से सींचे, जिससे उसे मिल सके नील गगन आकाश है,

‘श्रीरामकथा का विश्वसंदर्भ महाकोश’ के पहले खंड का लोकार्पण संपन्न

कार्यक्रम के दूसरे चरण में डॉ. विनोद बब्बर, डॉ रंजय कुमार सिंह, डॉ. नारायण, डॉ. शीरीन कुरेशी तथा डॉ.आशा ओझा तिवारी ने रामराज्य और सुशासन के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला।

शिक्षा नीति बदलेगी तो ही भारत विश्व गुरु बन सकता है – कुलपति प्रो. आशा शुक्ला

इंदिरा गांधी ट्रायबल यूर्निवसिटी, अमरकंटक के प्रो. मोहनलाल चढार ने कहा कि अमरकंटक योग की शोधभूमि कहलाती है। प्रो. चढार ने कहा कि योग शिक्षा के लिए डिग्री का बंधन समाप्त किया जाना चाहिए क्योंकि योग शिक्षा अनुभव आधारित है।

दिव्यांगों की आमदनी बढाने को ओएनजीसी की छठी हस्तशिल्प परियोजना शुरू

ओएनजीसी की निदेशक (एचआर) डॉ. अलका मित्तल ने कहा कि एक समावेशी संगठन होने के नाते ओएनजीसी समाज में हर किसी की क्षमताओं का पोषण करने के लिए हरसंभव प्रयास करती है।

शिकायत निवारण के लिए पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक से मिलने हेतु प्रक्रिया

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक से मिलने के लिए वर्तमान प्रक्रिया वेबसाइट wr.indianrailways.gov.in में "Contact Us" (हम से संपर्क करें) शीर्ष के उप शीर्ष "Meeting with General Manager"

भारत के गणितज्ञ को ब्रिटिश लायब्रेरी ने सम्मान दिया, मगर हम भूल गए

केरूनाना के गुरु यानी प्रोफ़ेसर आर्लिबार ने 1840 में मुम्बई के कुलाबा स्थित जमीन पर एक वेधशाला का आरम्भ किया. प्रोफ़ेसर आर्लिबार को चुम्बकत्व एवं खगोलशास्त्र जैसे विषयों में कुछ ख़ास प्रयोग करने थे, इसलिए तत्कालीन

इसाई से हिंदू बने और 60 वर्ष की आयु में आयुर्वेद सीखा स्व. सीपी मैथ्यू ने

सेवानिवृति के बाद ये विश्व के 50 देशों में विजिटिंग प्रोफेसर थे। 60 वर्ष की आयु में इन्होने वह सब भूलने का निर्णय लिया जो कुछ भी उन्होने सीखा था। एक पारंपरिक वैद्य को इन्होने अपना गुरु बनाया और उनसे सीखी हुई विद्या से

उज्जैन के सुरेश चिपलूणकर को मप्र सरकार का अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार

शेष छः प्रादेशिक पुरस्कार: 1- ‘संवाद, पटकथा लेखन’ के लिए प्रादेशिक नरेश मेहता पुरस्कार श्री अयोध्या प्रसाद सोनी-भोपाल, कृति: ‘खाली पिंजरा और हिंदुस्तान का पानी’, 2- ‘लघुकथा’ के लिए प्रादेशिक जैनेन्द्र कुमार

उज्जैन के व्यंग्यकार मुकेश जोशी को प्रादेशिक शरद जोशी सम्मान

यह जानकारी देते हुए साहित्यकार डॉ संदीप नाडकर्णी ने बताया कि साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक डॉ विकास दवे द्वारा कैलेण्डर वर्ष 2017 के अखिल भारतीय एवं प्रादेशिक सम्मानों की घोषणा के तहत श्री जोशी
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