Friday, March 29, 2024
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Monthly Archives: January, 2022

अब प्याज आंसू नहीं आपकी ख़ूबसूरती निखारेगा

स्टेटिस्टा के अनुसार, भारतीय हेयरकेयर बाजार में सालाना 5.77% (CAGR 2021-2026) बढ़ने की उम्मीद है और वैश्विक प्याज तेल (प्याज के नेतृत्व वाले बालों के उत्पादों में प्रमुख घटक) का बाजार 2030 तक 112.6 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

एमसीयू में पॉडकास्टिंग एवं लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म आई-रेडियो ‘कर्मवीर’ का शुभारंभ

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि यह ऐसा मंच बनेगा, जो विद्यार्थियों को आने वाले समय के लिए तैयार करेगा। देश में ही नहीं अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पॉडकास्टिंग में निवेश हो रहा है।

पश्चिम रेलवे के आरपीएफ की सतर्कता से बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर तुरंत पकड़ा गया चोर

संदिग्ध को आरपीएफ पोस्ट लाया गया जहां उसने बताया कि उसने बांद्रा पूर्व के खेरवाड़ी इलाके में एक घर में चोरी की है। तत्काल जीआरपी एवं निर्मल नगर थाने को सूचना दी गई जहाँ उक्त मामले में आईपीसी की धारा 457,

इतिहास के वे सुनहरे पन्ने जो हमें पढ़ाये ही नहीं गए

दिनेश जी के साथ मैं फिर तंजावुर वापस आया। तंजावुर के राजा भोसलें जी का सरस्वती महल देखना था। यह महल साधारण सा है। तामझाम नहीं है। बिलकुल नाम के अनुसार ही सरस्वती का निवासस्थान है।

इन पुस्तकों के स्वाध्याय से अपने ज्ञान के खजाने को पहचानें

ऋग्वेदादिभाष्य भूमिका- स्वामी दयानन्द- वेदों के विषय वस्तु, पश्चिमी और सायण आदि आचार्यों ने वेद भाष्य में क्या गलत किया आदि विषयों को जानने के लिए यह ग्रन्थ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

इस्लामिक जिहाद से मुक्ति का मार्ग ::धर्म संसद

अनेक सन्तों का सन्देश बार बार सोचने को विवश कर देता है कि क्या श्रीराम, श्री कृष्ण व आचार्य चाणक्य आदि की शिक्षाओं का गुणगान करने वाला हिन्दू समाज अपने आपको योहीं नष्ट होने के लिए समर्पित करता रहे?

दो दर्जन हस्तियों को मिलेगा हाडौती गौरव सम्मान

सचिव पुष्पकांत ने बताया कि श्रीमती अनीता तिवारी , शिक्षिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता को कोरोना काल में आमजन की करुणा कर्मठता के साथ सेवा एवं देखभाल करने पर, डॉ राजेश सामर चिकित्सा अधिकारी प्रभारी इटावा जिला कोटा को

आशा की किरण

जिसकी प्रतीक्षा थी उसे कोशिश करती है पहचानने की उन आशा की किरणों को जो बचाएगा उसे अंधेरों से पर दुविधा में है

‘सोने की चिड़िया’ क्यों लुटती थी?

क्योंकि वे भी वस्तुतः किसी अहिंसा या प्रेम से अपना जीवन चलाने में विश्वास नहीं करते। यदि करते, तो अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस, कमांडो, प्राइवेट गार्ड आदि के नियमित प्रावधान नहीं करते।

मिशनरियों ने हमें हमारा ही झूठा इतिहास पढ़ाया

इस लेख के माध्यम से हमने यह सिद्ध किया है कि कैसे ईसाई मिशनरी दलितों को हिंदुओं के अलग करने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही हैं। इनका प्रयास इतना सुनियोजित है कि साधारण भारतीयों को इनके षड़यंत्र का आभास तक नहीं होता।
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