Thursday, March 28, 2024
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Monthly Archives: January, 2022

भारतीयों को ईसाई बनाने के षड़यंत्र के कुछ ऐतिहासिक तथ्य

कम्पनी की सेना के सूअर अनेक अंग्रेज अधिकारी स्पष्ट रूप से सैनिकों के धर्म परिवर्तन के कार्य में लग गये । बङ्गाल की पदाति सेना के एक अंग्रेज कमाण्डर ने अपनी सरकारी रिपोर्ट में लिखा है कि " मैं निरन्तर २८ वर्ष से भारतीय सैनिकों को ईसाई बनाने की नीति पर आचरण करता रहा हूं और गैर ईसाइयों की आत्मा को शैतान से बचाना मेरे फौजी कर्त्तव्य का एक अङ्ग रहा है ।

राजस्थानी लोक संगीत की धुनों से बातें करती है जैसलमेर की हवेलियाँ

राजस्थान में अनेक ऐसे महापुरूष हुए जिन्होंने मानव देह धारण कर अपने कर्म और तप से यहां के लोक जीवन को आलोकित किया। उनके चरित्र, कर्म और वचनबद्धता से उन्हें जनमानस में लोकदेवता की पदवी मिली और वे जन-जन में पूजे जाने लगे। ऐसे ही लोकदेवताओं में बाबा रामदेव जिनका प्रमुख मंदिर जैसलमेर जिले के रामदेवरा में सद्भावना की जीती जागती मिसाल है।

वैश्विक मानचित्र पर उभर रही है भारत की उपलब्धियाँ

पर्यावरण के क्षरण के खिलाफ भारत की लड़ाई को जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जैसा कि पेरिस समझौते, सीओपी 26 और कई अन्य मंचों से प्रमाणित है। इस संबंध में की गई कार्रवाइयों, जैसे सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और जंगलों और प्रजातियों के संरक्षण पर जोर, वैश्विक कार्यान्वयन के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा और स्वीकार की गई है।

भारत में ‘लावण्या’ जैसी कितनी मासूम धर्मांतरण का शिकार होती रहेगी?

अब किसी ईसाई देश के हम गुलाम नहीं है । स्वतंत्रता के इतने साल बीत जाने के बाद भी भारत के हिन्दुओं की स्थिति वैसी क्यों है । पर्तुगाली शासन काल में जिस ढंग से भारतीयों पर अत्याचार हो रहा था,

आर्य समाज के संस्कारों ने लाला लाजपत राय के हौसले बुलंद कर दिए

1928 में सात सदस्य सायमन कमीशन भारत आया जिसके अध्यक्ष सायमन थे ! इस कमीशन को अंग्रेज सरकार ने भारत में संवेधानिक सुधारों हेतु सुझाव देने के लिए नियुक्त किया था जबकि इसमें एक भी भारतीय नहीं था ! इस अन्याय पर भारत में तीव्र प्रतिक्रिया हुई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूरे देश में सायमन कमीशन के शांतिपूर्ण विरोध का निश्चय किया !

नास्तिकों के तर्कों की समीक्षा

अष्टाङ्ग योग द्वारा लाखों योगियों ने उस सृष्टिकर्त्ता का साक्षात्कार किया है। ऋषि ब्रह्मा से लेकर जैमिनी तक अनेकों ऋषि-मुनि तथा राजा-महाराजा भी ईश्वर-उपासना किया करते थे और आज भी अनेकों लोगों की उस परम चेतन सत्ता में श्रद्धा है।

दर्शनसागर सूरीश्वर पर ग्रंथ का विमोचन रविवार को मुंबई में

राष्ट्रसंत चंद्रानन सागर सूरीश्वर महाराज की पावन उपस्थिति में होनेवाले इस समारोह में किलर जींस कंपनी के संस्थापक केवलचन्द पुखराज रतनपुरीया विशिष्ट अतिथि होंगे। गोड़ीजी मन्दिर के ट्रस्टी निरंजनभाई चौकसी, रिद्धि सिद्धि बुलियन के भंवर कोठारी, समाजसेवी इन्द्रभाई राणावत,

जीवन कहने से नहीं करने से चलता है

मानवीय मूल्यों और ऊर्जा पर आधारित मानव समाज जीवन जीने का सनातन क्रम है जो मनुष्य को सतत् सक्रिय रहते हुए जीने की सतत् प्रेरणादायक ऊर्जा निरन्तर प्रदान करता है। आज का मनुष्य मन और तन की ऊर्जा के बजाय धन और यंत्र के तंत्र में उलझता जा रहा है।

विश्वविद्यालय का कार्य समाज को जागरूक करना : कुलपति प्रो. केजी सुरेश

कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. विशेष गुप्ता ने कहा कि जनरेशन गैप ने बच्चों के पालन-पोषण को दोषपूर्ण बना दिया है। बच्चे से परिवार संवाद नहीं कर रहे हैं। बच्चों के लिए परिवार की भी जिम्मेदारी है लेकिन हम लोगों ने सरकारों पर ही सारी जिम्मेदारी डाल दी है।

फील्ड मार्शल करिअप्पा भारतीय संस्कारों के जीवंत प्रतीक थे

श्री के एम करिअप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक के पूर्ववर्ती कूर्ग में शनिवर्सांथि नामक स्थान पर हुआ था। इस स्थान को अब ‘कुडसुग’ नाम से जाना जाता है। आपके पिता कोडंडेरा माडिकेरी में एक राजस्व अधिकारी थे।
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