Monthly Archives: February, 2022
एलआईसी के शे्र के लिए आवेदन कैसे करें
इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीवन बीमा निगम में आटोमैटिक रूट के तहत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को 20 प्रतिशत तक पहुंचाने के लिए एफडीआई नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी।
ध्यान की परम अवस्था का प्रतीक है शिवलिंग
जो लोग भी जीवन के परम रहस्य में जाना चाहते हैं, उन्हें शिव के व्यक्तित्व को ठीक से समझना ही पड़ेगा। और देवताओं को हमने देवता कहा है, शिव को महादेव कहा है।
महर्षि दयानन्द क्या थे?
योगसाधना में रत रहकर अपना ही उद्धार करने वाला वह नहीं था। वह योगिराज था। भोगों की लालसाओं के पर्वत उससे टकराकर चकनाचूर हो जाते थे। अज्ञान, अविद्या के भयंकर प्रलयंकारी तूफान , वहां शांत हो जाते थे। लोभ एवं लालच की कीचड़ वहां जाकर शुष्क बालू बन जाती थी
महाशिवरात्रि पर उज्जैन में क्षिप्रा के किनारे घाटों पर जगमगाएंगे 12 लाख दीपक
12 लाख दीपक क्षिप्रा नदी के दोनों ओर विभिन्न घाटों पर भी प्रज्वलित किए जा रहे हैं। साथ ही इन 12 लाख दीपों के माध्यम से विश्व कीर्तिमान स्थापित करने गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की टीम को आमंत्रित किया गया है।
भारत को जानना है तो ‘जीवन का भारतीय प्रतिमान’ व्याख्यान माला से जुड़िये
वर्तमान में हम भारतीयों की स्थिति त्रिशंकु जैसी है। रीति रिवाज या कर्मकाण्ड के रूप में हम में अब भी कुछ भारतीयता शेष है। लेकिन विचार, व्यवहार और व्यवस्थाएँ तो सभी या तो अभारतीय बन गईं हैं, या बनती जा रही हैं।
कभी ना भूल पाएंगे रामेश्वरम की यात्रा
रामेश्वरम के समीप ही 3 किमी पर तंगचिमडम गांव में विल्लीरनी तीर्थ कुंड दर्शनीय है। यहां समुद्र के खारे पानी के बीच मीठा जल निकलता है। बताया जाता है कि सीता को प्यास लगने पर राम ने धनुष से इस कुंड को खोदा था।
मात्र ₹ 251 में घर बैठे मिलेगा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद
इस संबंध में जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत नए स्वरूप में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद देश भर में स्पीड पोस्ट सेवा द्वारा लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत अपने नजदीकी
विज्ञान को आत्मसात करते हुए जड़ों से जुड़े रहें : डॉ. सदानंद सप्रे
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि युवा पीढ़ी को आर्यभट्ट, भास्कर, चरक, शुश्रुत एवं वर्तमान वैज्ञानिकों और उनके योगदान के बारे में अध्ययन करना चाहिए। कुलपति ने कहा कि पत्रकारिता का विश्वविद्यालय होने के नाते विज्ञान को जनसंचार के माध्यम से आगे ले जाना हम सबका दायित्व है।
परीकथाओं का तिलस्मी नायक है अच्युत सामंता
अमुमन यह देखा गया है कि किसी के बचपन की घोर गरीबी उसे गलत आचरण की ओर ले जाती है(भूखा पेट तो पाप करता ही है) लेकिन प्रोफेसर अच्युत सामंत के शैशवकाल की घोर आर्थिक गरीबी ने उनको आलोकपुरुष प्रोफेसर अच्युत सामंत बना दिया है
नागरिकों को स्वावलम्बी बनाने के लिए अब स्वयंसेवी संगठन भी आगे आ रहे हैं
पूंजीवादी मॉडल के अंतर्गत उत्पाद की पहिले मांग उत्पन्न की जाती है एवं बाद में धीरे धीरे उत्पादन बढ़ाया जाता है। उत्पाद विशेष की मांग उत्पन्न करने के लिए विज्ञापन का सहारा लिया जाता है और विज्ञापन देखकर नागरिकों को ऐसा लगने लगता है