Thursday, April 25, 2024
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Monthly Archives: April, 2023

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बारे में सब कुछ जानिये

ईवीएम के इस्‍तेमाल से जुड़ी प्रौद्योगिकीय सुरक्षा और प्रशासनिक रक्षोपायों के विभिन्न पहलुओं के विस्तृत विश्लेषण के बाद, विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा ईवीएम की साख, विश्वसनीयता और त्रुटिमुक्‍तता को सभी मामलों में विधिमान्‍य ठहराया गया है।

जलवायु के मोर्चे पर जीत के लिए पारंपरिक ज्ञान और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का गठजोड़ ज़रूरी

कृत्रिम बुध्दिमत्ता (AI )की ताक़त के साथ स्थानीय ज्ञान से हासिल जानकारियों का मेलजोल बनाकर जलवायु से जुड़ी ज़्यादा प्रभावी कार्रवाइयां विकसित की जा सकती हैं।

अब उज्जैन में सीख सकेंगे संस्कृत में पत्रकारिता

उज्जैन।संस्कृत देव वाणी होते हुए भी आम बोल चाल की भाषा से अभी दूर है, लेकिन देश और विदेश में संस्कृत के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला संस्कृत में पत्रकारिता डिप्लोमा कोर्स कराएगा।

नारायण जगन्नाथ, नर से मिलने के लिए आगामी 20जून,2023 को रथयात्रा करेंगे

2023 की रथयात्रा के दिन अर्थात् 20जून को भोर में श्रीमंदिर के रत्नवेदी से चतुर्धादेव विग्रहों को एक-एककर पहण्डी विजय कराकर उनके अलग-अलग रथों पर आरुढ किया जाएगा। भगवान जगन्नाथ के रथ का नाम नंदिघोष रथ है जिसपर उनको आरुढ किया जाएगा।

अतीक के अतीत होने पर भविष्य की राजनीति: यूपी में नो दंगा, नो कर्फ्यू यहां सब चंगा !!

माफिया अतीक अहमद के समर्थन में बिहार की राजधानी पटना में अलविदा की नमाज के बाद नारेबाजी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारे लगाये गये और बदला लेने की बात तक कही गई।

जगन्नाथ संस्कृति में चार का महत्त्व

पुराण,ब्रह्मपुराण,पद्मपुराण तथा नारद पुराण में है।भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा धर्म,ज्ञान,भक्ति और दर्शन की आधारभूमि है।

चोल काल की भगवान हनुमान की चोरी हुई मूर्ति पुनः प्राप्त की गई

चोल काल से संबंधित भगवान हनुमान जी की चोरी की गई मूर्ति को पुनः प्राप्त कर लिया गया है और इस प्रतिमा को तमिलनाडु के आइडल विंग को सौंप दिया गया है।

आदि शंकराचार्य एवं स्वामी दयानन्द

आदि शंकराचार्य एवं स्वामी दयानन्द हमारे देश के इतिहास की दो सबसे महान विभूति है। दोनों ने अपने जीवन को धर्म रक्षा के लिए समर्पित किया था। दोनों का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और दोनों ने जातिवाद के विरुद्ध कार्य किया।

माफिया के पालनहार हैं राजनीतिक दल

सामाजिक स्तर पर यह माफिया भिन्न भिन्न आकार प्रकार में पाया जाता है। सड़क छाप से लेकर उच्चस्तर तक। धार्मिक क्षेत्र में सक्रिय माफिया समूह अतिधार्मिक लोगों के लिए बहुत सहयोगी होता है।

तारेक फतेह को भुला पाना आसान नहीं होगा

हालांकि तारेक फतेह 14-15 अगस्त की आधी रात को पैदा होने वालों में से नहीं थे लेकिन वो अपने आपको मिडनाइड चिल्ड्रेन में से एक ही कहते थे।
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