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रेल्वे में 8500 करोड़ का निवेश होगाः श्री सुरेश प्रभु

मोदी सरकार का एक साल पूरा होने पर  न्यूज़ चैनल आईबीएन7 के एक कार्यक्रम में रेल मंत्री श्री  सुरेश प्रभु ने कहा कि हम पिछले एक साल से विकास की राह के अवरोधों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। देश में मौजूदा समय बिजनेस के लिहाज से सबसे अच्छा है क्योंकि देश में एक सकारात्मक माहौल है। इस समय अमेरिका 1-2 फीसदी की दर से विकास कर रहा है तो चीन की रफ्तार भी घट रही है। जापान की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है। इस समय भारत की अर्थव्यवस्था ही सबसे तेजी से बढ़ रही है। सुरेश प्रभु मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित नेटवर्क 18 के खास कार्यक्रम ‘मोदी सरकार-ईयर बन डायलॉग’ में बोल रहे थे।

श्सुरी रेश प्रभु ने कहा कि लोगों को हमसे बहुत उम्मीदें हैं, हम उन्हें पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। जन धन योजना की घोषणा 15 अगस्त को हुई और थोड़े ही समय में हमने लक्ष्य हासिल कर लिया। सरकार हर काम को तुरंत कर रही है। हम हर योजना पर तेजी से बढ़ेंगे। सुरेश प्रभु ने कहा कि स्वस्थ भारत अभियान पर हम बेहद सफल रहे। काफी काम हुआ, लेकिन एक साल में पूरा देश कैसे साफ़ हो सकता है? सिंगापुर को ही साफ होने में 35 साल लग गए।

प्रभु ने कहा कि मेक इन इंडिया का मतलब देश में निर्माण ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य का निर्माण है। नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरे विदेश संबंधों के लिए किए, ताकि देश की इज्जत बढ़े। नेपाल, कतर से लोगों को बचाना हमारी विदेश नीति को दर्शाता है। विदेश नीति ही देश में निवेश का माहौल तैयार करेगी। जिसके लिए खुद पीएम मोदी लगे हुए हैं। हम बंदरगाह, रोड, रेलवे, हवाई अड्डों पर भारी निवेश कर रहे हैं। कई योजनाएं बन रही हैं। अभी जो 70 फीसदी लोग हमारे ऊपर भरोसा कर रहे हैं, जल्द ही 100 फीसदी लोग हमपर भरोसा करेंगे।

सुरेश प्रभु ने कहा कि निजी निवेश और निजीकरण में अंतर है। रेलवे निजीकरण की तरफ नहीं बढ़ रही है। अबतक रेल में विकास कार्यों के लिए किराया या मालभाड़ा बढ़ाना ही पैसा पाने का तरीका था पर हमने तीसरा रास्ता निकाला, निवेश का। इसी के तहत हमने 8500 करोड़ का निवेश कराने का लक्ष्य रखा ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारा जा सके। आज रेलवे की पटरियों पर 150 फीसदी तक लोड है। हम रेलवे के विस्तार में लगे हुए हैं। इसके लिए जरूरी पैसे जुटाने के लिए हमने नए तरीके निकाले। हम पीपीपी मॉडल के तरह निवेश ला रहे हैं। हमें प्राइवेट सेक्टर से निवेश की उम्मीद है। लेकिन लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है जबकि हमने निजीकरण की बात ही नहीं की।