Friday, March 29, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेसिर्फ 33 मिनट लेट थी ट्रेन, एक महीने बाद लंदन से भारत...

सिर्फ 33 मिनट लेट थी ट्रेन, एक महीने बाद लंदन से भारत भेजा हर्जाना

इंदौर. सीए राकेश मित्तल ने कुछ वक्त पहले फॉरेन टूर के दौरान एडिनबर्ग से लंदन तक यात्रा की थी। उस वक्त ट्रेन तकनीकी कारणों से लेट हो गई थी। बहरहाल, इस भारतीय यात्री के पास अब इंदौर में माफीनामे के साथ हर्जाने के रूप में 33 पाउंड (करीब 3200 रुपए) का चेक आया है।

राकेश ने कब की थी यात्रा…

हर्जाना ब्रिटिश रेलवे कंपनी की ओर से भेजा गया है। राकेश मित्तल के मुताबिक उन्होंने दिसंबर 2015 में एडिनबर्ग से लंदन की यात्रा की थी। ट्रेन तकनीकी कारणों से 33 मिनट लेट हो गई थी।

और क्या बताया राकेश ने

– इंदौर निवासी राकेश ने बताया कि,’ मैं दिसंबर 2015 को ट्रेन से एडिनबर्ग (स्कॉटलैंड) से लंदन (इंग्लैंड) जा रहा था।
– यह वर्जिन ईस्ट कोस्ट रेलवे की नॉन स्टॉप ट्रेन सर्विस थी। यात्रा का समय 4 घंटे 24 मिनट था।
– एडिनबर्ग से चलने के लगभग एक घंटे बाद एक स्टेशन पर ट्रेन रुक गई।
– अनाउंसमेंट हुआ कि तकनीकी खराबी के चलते ट्रेन लेट से पहुंचने की संभावना है, जो यात्री लंदन जल्दी पहुंचना चाहते हैं उनके लिए बाहर फ्री बस फैसिलिटी है।
– यदि आप कुछ समय इंतजार कर सकते हैं तो हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द ही इस खराबी को ठीक किया जा सके।
– यह अनाउंसमेंट हर दो-तीन मिनट पर होता रहा। तकरीबन आधे घंटे बाद ट्रेन रवाना हो गई।
– मैं लंदन पहुंचा, तो ट्रेन अपने निश्चित समय से 33 मिनट लेट थी।
देरी पर ऐसी व्यवस्था

image (1)राकेश ने बताया, इस बीच ट्रेन में एक ऑफिसर हर यात्री के पास आया और देरी के लिए माफी मांगते हुए सभी को एक फॉर्म भरने को दिया। जिसमें अपना नाम और पता लिखने के साथ यात्रा का टिकट अटैच कर पोस्ट बॉक्स में बिना डाक टिकट लगाए डालना था। मेरे लिए यह अलग एक्सपीरियंस था। इसके बाद मैं भारत लौट आया।

कुछ दिन पहले मुझे इंदौर के पते पर वर्जिन ईस्ट कोस्ट रेलवे की ओर से एक लिफाफा मिला, जिसमें कंपनी के कस्टमर सर्विस ऑफिसर की ओर से एक माफी लेटर भी था। साथ में 33 पाउंड का चेक था। इसमें लिखा था कि ये कंपनी की ओर से ये आपके 33 मिनट का हर्जाना है। राकेश के मुताबिक पिछले कई विदेश यात्राओं में पहली बार मेरी कोई ट्रेन लेट हुई थी।’

साभार- http://www.bhaskar.com/ से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार