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चित्रनगरी संवाद मंच की साप्ताहिक अड्डेबाज़ी में संस्मरणों और प्रेरक प्रसंग की एक शाम…

चित्रनगरी संवाद मंच द्वारा गोरेगांव के केशव गोरे सभागृह में 26 को आयोजित गोष्ठी, लीक से हटकर एक अलग गोष्ठी थी, जिसमें हर उम्र का प्रतिनिधित्व करते हुए वक्ताओं ने अपने जीवन के संस्मरण और प्रेरक प्रसंग सुनाए.राजेश ऋतुपर्ण के संयोजन और संचालन में जहाँ प्रसिद्ध कवि,लेखक, संचालक सुभाष काबरा ने रोचक शैली में अपनी अब तक की यात्रा के विशेष पडाव साझा किए वहीं बनमाली चतुर्वेदी जी ने ब्रजभाषा में अपनी कहानी बयां की.उदयभानुसिंह जी ने अपने गांव की माटी से प्राप्त शिक्षा दीक्षा से परिचित करवाया तो साहित्य अनुरागी चंंद्रकांत जोशीजी ने अपने अनुभव सुनाए.

सविता दत्त सावी ने दिल्ली के संस्मरण और पारिवारिक सपोर्ट की बातें बताईं तो पीयूष पराग ने अपनी चौंकाने वाली रचना से अपना परिचय दिया. राजेन्द्र वर्माजी ने अपने फिल्मी और ग़ैर फिल्मी सफर की दास्तान सुनाई तो अविनाश प्रताप सिंह ने संघर्ष के विभिन्न आयामों की तस्वीर दिखाई. आकाश ठाकुर ने हमेशा की तरह अपना खामोश सहयोग दिया.राजेश ऋतुपर्ण ने सूरजप्रकाश जी और देवमणि पांडेय जी को भी उपस्थित मानकर दोहों के माध्यम से रचनाकारों और श्रोताओं का आभार माना..🙏🏻