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एक महत्वपूर्ण सवाल – भारतीय मुसलमान, कितने भारतीय…….?

भारतीय मुसलमानों ने मुशर्रफ का कारगिल हमले के बाद पुतला नही जलाया।

भारतीय मुसलमानों ने मुम्बई आतंकी हमले के बाद कभी भी पाक PM नवाज़ शरीफ़ के पुतले की पिटाई नहीं की।

भारतीय मुसलमानों ने पुलवामा हमले के बाद कभी भी इमरान खान के चित्रों को पैरों और गाड़ियों के पहियों के नीचे नहीं रौंदा।

लेकिन भारत का मुसलमान लाकडाउन के दौरान फ्रांस के उस राष्ट्रपति के विरुद्ध विशाल रैलियां निकाल रहे हैं, जिसने हमें अत्याधुनिक राफेल देकर चीन व पाक जैसे शत्रुओ की लद्दाख में रीढ़ की हड्डी में सिहरन पैदा कर दी।

लेकिन भारत के मुसलमान को फ्रांस के उस राष्ट्रपति से घृणा है –
जिसने हमें स्कोर्पियन श्रेणी की पनडुब्बियां देकर हमारी नौसेना को बेहद आधुनिक सक्षम और घातक बनाया है ।

लेकिन भारत के मुसलमान उस फ्रांस का बहिष्कार कर रहे हैं जो-
1998 में भारत के पोखरण आणविक परीक्षण के बाद विश्व समुदाय द्वारा भारत के विरुद्ध लगाये गये अनेकानेक प्रतिबन्धों के विरुद्ध विकसित देशों में रूस के अतिरिक्त अकेला देश था जो कि भारत के साथ खड़ा था।

लेकिन भारत के मुसलमान उस फ्रांस का बहिष्कार करना चाहते हैं जो सदा ही भारत के UNO में सुरक्षा परिषद के दावे को बल देता आ रहा है।

लेकिन भारत के मुसलमान उस फ्रांस के विरुद्ध रैली निकाल रहें हैं , जिसने हमें अमेरिकी प्रतिबन्धों के बावजूद न्यूक्लियर फ्यूल और रिएक्टर दिये।

लेकिन भारत के मुसलमान उस फ्रांस से घृणा कर रहे हैं जिसने वर्ष 2019 की आतंकवादियों के कैम्प पर सर्जिकल एयर स्ट्राइक करने वाले मिराज विमान भारत को दिये।

भारत तो फ्रांस के साथ खड़ा है, लेकिन भारत के मुसलमान भारत के साथ नहीं खड़े,
सिर्फ एक कार्टून के कारण।

ये तय कीजिये कि देश पहले है या आपका धर्म…… ?