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कतर में कोरोना से मुुकाबला :अंशु जैन का रचनात्मक अभियान

राजनांदगाँव। शहर के दिग्विजय कालेज के प्रोफ़ेसर डॉ.चन्द्रकुमार जैन की बेटी अंशु जैन कतर दोहा में सपरिवार रह रहीं है। मूलतः रायपुर निवासी अंशु के जीवनसाथी राहुल जैन और पांच वर्षीय पुत्र आयाम के साथ अंशु कोरोना वायरस की वजह से बदली हुई जीवनशैली को समय की बड़ी मांग के रूप में देखती हैं। घर पर रहने की बंदिश और घर से ही काम करने की हिदायतों के बीच कोरोना की त्रासदी से निपटने की कोशिशों में अंशु जैन खुद उसके कैंपेन और अपील में एक जागरूक एक्टिविस्ट की भूमिका अदा कर रही हैं।

अंशु जैन और राहुल जैन ने दैनिक भास्कर को बताया कि क़तर में लोग प्रायः घर की चार दीवारी के भीतर हैं। सन्नाटा पसर गया है। हर तरह की गति थम गयी है। बाज़ार गुमसुम है। केवल हाइपरमार्केट खुले हैं। बहरहाल क़तर में सोशल डिस्टेंसिंग ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है जिसे लोग बाकायदा मेंटेन कर रहे हैं। लोग सरकार, सेहत के अमले और सिस्टम को पूरा सपोर्ट कर रहे हैं।

पूरी तरह सावधान रहकर लोग क़तर में जारी ब्रेक द चेन अभियान को कामयाब बनाने जुट गए हैं। सेहत, हाइजीन और सुरक्षा के मद्देनज़र विभिन्न देशों के दूतावास से लेकर बड़े बड़े संस्थान और हाइपरमार्केट्स जागरूकता कैंपेन के अलावा हर तरह की सीधी मदद भी पहुंचा रहे हैं।

राहुल जैन ने बताया कि घर पर रहने की शर्त क़तर में बहुत से लोगों के लिए पॉज़िटिव चांस बन गया है। उम्रदराज़ लोगों से लेकर छोटे बच्चों तक क्रियेटिव कामों में नयी महारथ हासिल करने की हर संभव कोशिश करते देखे जा रहे हैं। स्कूल, कालेज के विद्यार्थियों की ई क्लासेस जारी हैं। लोग जिम, डांस, योगा और आर्ट की ऑनलाइन क्लास का लुत्फ़ उठा रहे हैं। गौरतलब है कि अंशु नन्हा बेटा आयाम भी घर पर ही बनाये जीलोफोन और अन्य माध्यमों से बालसुलभ लेकिन मीठी बातों के साथ कोरोना इफेक्ट से बचने का मनमोहक सन्देश दे रहा है। अंशु के ही नहीं नन्हें आयाम के मैसेज और कैंपेन भी सोशल मीडिया पर खूब पसंद किये जा रहे हैं।

अपनी आवाज़ और अभिव्यक्ति से बहुआयामी पहचान बना रही अंशु जैन का कहना है कि कोरोना का वर्तमान संकट हमारे सिस्टम ही नहीं हम सभी के मूल्यों और मानवता की बड़ी परीक्षा है। अंशु ने कहा वे परिवार सहित जरूरतमंदों की मदद और पूरे एहतिहात के साथ शासन के निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन कर रही हैं।