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भारतीय भाषाओं के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का एक और निर्णय

भारतीय भाषा अभियान की एक और मांग को स्वीकार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के तीन मा. न्यायमूर्तियों ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब साक्षी का बयान अब उसकी भाषा में लिखना होगा

६-माह के अंदर सभी उच्च न्यायालय को फौजदारी के मुकदमों में कई फेरबदल करने होंगे। जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण फेरबदल है कि साक्षी का बयान अब उसकी भाषा में लिखने होंगे। अंग्रेजी में भी लिखा जा सकेगा, अर्थात दोनों भाषाओं में लिखा जाएगा। भारतीय भाषा अभियान की वर्षों से सबसे महत्वपूर्ण मांग यह रही है।

सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि आगामी 6 वर्षों में प्रत्येक न्यायालय में एक अनुवादक की नियुक्ति दी जाएगी ताकि न्यायाधीश को अनुवाद करने की आवश्यकता न पड़े। भारतीय भाषा अभियान के कार्यकर्ताओं को न्याय प्रणाली में होते जा रहे एक के बाद एक सफलता हार्दिक बधाई । भारतीय भाषा अभियान का विषय सर्वोच्च न्यायालय के पास पहुंच गया।

यह सब सभी कार्यकर्ताओं का योगदान तथा श्रेष्ठ समर्पित भावनापूर्ण कार्य से ही संभव हो रहा है ।

श्री अतुल कोठारी शिक्षा, संस्कृति उत्थान न्यास. के राष्ट्रीय महासचिव हैं।