Friday, March 29, 2024
spot_img
Homeकवितामेरे लफ़्ज तुझसे यकीं माँगें

मेरे लफ़्ज तुझसे यकीं माँगें

झुरमुट में दिखती परछाइयाँ
घुँघुरू की मद्दिम आवाज
लम्बे अर्से का अन्तराल
तुझसे मिलने का इन्तजार
चाँद की रोशन रातों में
पल हरपल थमता जाए
ऐसा लगता है मानो तुम
मुझसे आलिंगन कर लोगी
पर कुछ छण में परछाइयाँ
नयनों से ओझल हो जायें
दिन की घड़ी घड़ी में बस
बस तेरी ही याद सताये
सच कहता हूँ मै तुमसे
मेरे लफ़्ज तुझसे यकीं माँगे.

सच में सच को समझ न पाना
यह मेरी ऩादानी थी
एक दीदार को मेरी ऩजरें
हरपल प्यासी प्यासी थी
वक्त के कतरे कतरे से
एक झिलमिल सी आहट आई
मेरी रूहें कांप उठी
जब उसने इक झलक दिखाई
चन्द पलों तक मै खुद को
उसकी बाहों में पाया था
यही वक्त था जिसने मुझको
गिरकर उठना सिखाया था
सच कहता हूँ मै तुमसे
मेरे लफ़्ज तुझसे यकीं माँगे.

दिल की चाहत एक ही है
तुम मेरी बस हो जाओ
गर इस जनम न मिल पाओ तो
अगले जनम तुम साथ निभाओ
जग सूना सूना है तुम बिन
तुम ही मेरी खुशहाली हो
मेरे आँका खुदा तुम्ही हो
मेरी रूह की धड़कन तुम हो
साथ में मरना साथ ही जीना
दो होकर भी एक हो जाऊँ
जनम जनम तक साथ मिले बस
इससे ज्यादा क्या बतलाऊँ
सच कहता हूँ मै तुमसे
मेरे लफ़्ज तुझसे यकीं माँगे.

लेखिका परिचय –

“अन्तू, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश की निवासिनी शालिनी तिवारी स्वतंत्र लेखिका हैं । पानी, प्रकृति एवं समसामयिक मसलों पर स्वतंत्र लेखन के साथ साथ वर्षो से मूल्यपरक शिक्षा हेतु विशेष अभियान का संचालन भी करती है । लेखिका द्वारा समाज के अन्तिम जन के बेहतरीकरण एवं जन जागरूकता के लिए हर सम्भव प्रयास सतत् जारी है ।”

सम्पर्क – [email protected]

ब्लाग – http://nayisamajh.blogspot.in/?m=0

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार