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औरंगजेब मार्ग का नाम बदलने में हर्ज क्या है?

महोदय

नयी दिल्ली के औरंगजेब रोड का नाम डॉ.अब्दुल कलाम के नाम से परिवर्तित करके अगर पूर्व में की गयी भूल को सुधारा गया है तो यह एक सराहनीय पहल है।लेकिन दुखभरी बात यह है कि अनेक विरोधाभासी स्वर गूंजने लगे है क्यों ? क्या उनको केवल विरोध की राजनीति से ही सरोकार है,एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए उनकी कोई प्राथमिकता नही ? आदर्श महान पुरुषो की ही प्रेरणा से तो राष्ट्र का निर्माण होता है और इसप्रकार नामकरण करने से उनका ही स्मरण किया जाता है।
अतःयह सही है कि आक्रांता व इतिहास का एक क्रूर शासक को हम कब तक महिमा मंडित करते रहें ? यह हमारा राजनैतिक दिवालियापन ही है जो हम अब भी इसप्रकार के अनेक सुधार करने से बच रहें है ? क्या हज़ारों लाखो देशवासियों का हत्यारा व बलात् धर्म बदलबाने वाला इतिहास के एक आततायी शासक के नाम पर मुख्य मार्ग का होना आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी हो सकता है ? प्रायः समाज में प्रेरणाप्रद महान पुरुषों के नाम पर या अपने पूजनीय संत महात्माओ के नामों पर ही नगरो,सार्वजनिक स्थानों व मुख्य मार्गो को सुशोभित किया जाता है । क्योंकि इन्ही प्रेरणाप्रद नामो से भविष्य में उनके इतिहास को पढ़ कर देश का बालक व युवा सभी प्रेरित होकर अपने धर्म, संस्कृति व सभ्यता को समझ पाते है और उसकी रक्षा करते है । वैसे भी एक सामान्य सी बात यह है कि लगभग सभी व्यक्ति अपने बच्चों,भवनों व प्रतिष्ठानों आदि के नाम अपने अपने ईष्ट देवी देवताओ , पवित्र तीर्थ स्थानों व महापुरुषो के नामो पर ही रखते है । अतः इस प्रकार के सुधारो की जो अपने राष्ट्र के स्वाभिमान को जगायें व बनाये रखें की अभी और अधिक आवश्यकता है।

भवदीय
विनोद कुमार सर्वोदय
नयागंज,गाज़ियाबाद