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सरकारी दस्तावेजों से मिटा दिया, मगर दिलों में ज़िंदा हैं बंधु सिंह
देश, 69 वें गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों में जुटा है। यह मौका राष्ट्रहित के लिए अपना सर्वस्व न्यौच्छावर कर देने वाले क्रांतिकारियों को याद करने का है। लेकिन ऐसे वीर सेनानियों की संख्या भी कम नहीं जिनके योगदान को लम्बे अर्से तक भुलाए रखा गया। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पूर्वांचल में क्रांति के अग्रदूत रहे बंधू सिंह ऐसे ही वीर सेनानियों में से एक हैं। जिनकी विरासत को सम्भालने की शुरुआत ही डेढ़ सदी बाद हुई।