-
बिना मुकदमा लड़े ही उस वकील ने उस गरीब की जिंदगी बदल दी
वो मेरे मुंह को ताकने लगा। उठ के खड़ा हुआ, सब काग़ज़ात उठाए और आंखे पोछते हुए कहा, "चलता हूं वकील साहब" उसकी रूलाई फुट रही थी और वो मुझे वो दिख ना जाए ऐसी कोशिश कर रहा था।
वो मेरे मुंह को ताकने लगा। उठ के खड़ा हुआ, सब काग़ज़ात उठाए और आंखे पोछते हुए कहा, "चलता हूं वकील साहब" उसकी रूलाई फुट रही थी और वो मुझे वो दिख ना जाए ऐसी कोशिश कर रहा था।