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हिंंदी में शोध का धंधा
आज की दशा यह है कि औसत दर्जे के लेखक भी अपना परिचय लिखते समय यह उल्लेख करना नहीं भूलते कि उनकी रचनाओं पर किन -किन विश्वविद्यालयों में शोध हो चुके हैं या हो रहे हैं.
आज की दशा यह है कि औसत दर्जे के लेखक भी अपना परिचय लिखते समय यह उल्लेख करना नहीं भूलते कि उनकी रचनाओं पर किन -किन विश्वविद्यालयों में शोध हो चुके हैं या हो रहे हैं.