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नसीरुद्दीन शाह हो या शाहरुख खान इनका एजेंडा एक ही है
अब चालाकी पकड़ी गई है तो सवाल बनता है कि इस नये 'नॉर्मल' से बचने का तरीका क्या है? आनंद बताते हैं-‘बहुत सरल है। जैसे बिना हलाल किया मुर्गा हम उन्हें खिलाने की कोशिश नहीं करते वैसे ही,
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देबाशीष की हत्या के बाद क्या अभिषेक के कलेजे को पहुंची ठंडक?
वास्तव में हुआ कुछ ऐसा ही था, जिसका उल्लेख अभिषेक की हत्या के बाद किसी समाचार पत्र में नहीं मिला। तृणमूल के लोगों ने बयान दिया कि देवाशीष पर थप्पड़ उठा देने के
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पाकिस्तान के काम में आने वाली वामपंथी पत्रकारिता
पिछले दिनों पुलवामा आतंकी हमले बलिदान हुए 40 जवानों से जुड़े मामले में जिस तरह वामपंथी उदारवादी पत्रकार अनाप—शनाप लिख रहे हैं। नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं।
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चर्च की आंबेडकर को बदनाम करने की कोशिश
बहरहाल मामला अब न्यायालय में है। यदि इस पर गम्भीरता के साथ समय रहते कार्रवाई न की गई तो देश छोड़कर भागने में कोस्का दंपत्ति देर नहीं लगाएंगे।
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बेबी बाबूः जिन्होंने अपना पूरा जीवन ज्योतिष और तंत्र को समर्पित कर दिया
मुझे बेबी बाबू से मिलने के बाद लगा कि इस विलक्षण व्यक्तित्व से आप सबका परिचय होना चाहिए। इसलिए एक संक्षिप्त मुलाकात में जितना उन्हें समझ पाया, लिख दिया।