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रामकथा का विश्वसंदर्भ महाकोश’ का लोकार्पण और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 30 को
साहित्यिक सांस्कृतिक शोध संस्था (मुंबई) के तत्वावधान में "रामकथा का विश्वसंदर्भ महाकोश" के प्रथम खंड 'लोकगीत तथा लोककथाओं मे श्रीराम का संदर्भ' का लोकार्पण दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 30 नवंबर (मंगलवार) को केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे एवं राम साहित्य के विशिष्ट विद्वानों द्वारा किया जाएगा।
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दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद में हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह संपन्न
सभा के प्रथम उपाध्यक्ष श्री अब्दुल रहमान ने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता आंदोलन में संपूर्ण भारत को एकसूत्र में बाँधकर हिंदी ने महती भूमिका निभाई।
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साहित्यिक पत्रिका ‘स्रवंति’ का पावस विशेषांक लोकार्पित
यहाँ दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (आंध्र एवं तेलंगाना) के खैरताबाद स्थित परिसर में पधारे केंद्रीय हिंदी निदेशालय के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने सभा द्वारा प्रकाशित साहित्यिक मासिक पत्रिका 'स्रवंति' के 'पावस विशेषांक-2' का लोकार्पण किया।
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“तत्त्वदर्शी निशंक” का लोकार्पण
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महाकवि प्रोफेसर योगेंद्र नाथ शर्मा 'अरुण' ने कहा कि "तत्त्वदर्शी निशंक" दक्षिण भारत के हिंदी विद्वानों की ओर से हिमालय-पुत्र निशंक का भावपूर्ण अभिनंदन है,
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तेवरी संगीत समारोह संपन्न
अवसर पर हैदराबाद के मशहूर गजलकार जगजीवनलाल अस्थाना ‘सहर’ और श्रीश्री एकेडमी के कोरेसपोंडेंट मुरली मनोहर ने अपनी उपस्थिति दर्ज की और शुभकामनाएँ व्यक्त कीं।
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सम्मान की ज़िंदगी जीने की चाहत : नाला सोपारा
कुल मिलाकर यह कहना उचित होगा कि पिछले 2 दशकों में आई किन्नर विमर्श की रचनाओं की बाढ़ में चित्रा मुद्गल का यह उपन्यास औरों से एकदम अलग है।
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देश-दुनिया के ‘सवाल’ और पत्रकारिता के ‘सरोकार’
बिगड़े बच्चे अगली घंटी बजते ही फिर क्लास में आ धमकेंगे और मास्टर जी की नाक में दम करेंगे!’ (पृ 10)। लेखक जहाँ राजनैतिक पैंतरेबाजी और आतंक के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त करते
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‘हिंदी भाषा के विकास में पत्र-पत्रिकाओं का योगदान’ विषयक ऑनलाइन व्याख्यानमाला संपन्न
प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने जोर देकर कहा कि हिंदी पत्रकारिता और हिंदी भाषा के विकास में हिंदीतर भाषियों का योगदान उल्लेखनीय है। प्रो. शर्मा ने अनेक उदाहरण देकर यह प्रतिपादित किया कि नए युग के नए विषयों की अभिव्यक्ति के
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भारत में व्याप्त भाषा भ्रम’ पर वेबिनार संपन्न
उन्होंने यह सुझाया कि सभी भ्रमों को दूर करने के लिए हमें एक ऐसी व्यवस्था चाहिए जो भारतीय भाषाओं से उभरने वाली प्रतिभा को अवसर प्रदान करे। इस हेतु हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच भाषा पुल का निर्माण करना ही होगा।
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बालेंदु शर्मा दाधीच ने बताई ‘विंडोज 10की खासियतें
उनके अनुसार विंडोज हमारी डिजिटल दुनिया की वर्चुअल आइडेंटिटी है। विंडोज के भीतर एक तरह से हमारा पूरा कार्यालय ही समाहित है। विंडोज10 ऑपरेटिंग सिस्टम में तमाम एडवांस्ड तकनीक उपलब्ध है जिसकी सहायता से हम