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गणि राजेन्द्र विजय
 

  • जैनधर्म का महापर्व है-पर्युषण

    जैनधर्म का महापर्व है-पर्युषण

    दुनिया के प्राचीन धर्मों में अग्रणी है जैन धर्म। जैन संस्कृति में जितने भी पर्व व त्योहार मनाए जाते हैं, लगभग सभी में तप एवं साधना का विशेष महत्व है। जैनों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व है पर्युषण पर्व। पर्युषण पर्व का शाब्दिक अर्थ है− आत्मा में अवस्थित होना। जैनों का यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व है।

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  • अक्षय तृतीया ,29 अप्रैल पर विशेष: एक अनूठा त्यौहार है अक्षय तृतीया

    अक्षय तृतीया ,29 अप्रैल पर विशेष: एक अनूठा त्यौहार है अक्षय तृतीया

    अक्षय तृतीया भारतीय संस्कृृति एवं परम्परा का एक अनूठा एवं इन्द्रधनुषी त्यौहार है। न केवल जैन परम्परा में बल्कि सनातन परम्परा में यह एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, इस त्यौहार के साथ-साथ एक अबूझा मांगलिक एवं शुभ दिन भी है,

  • मैत्री का विराट् दर्शन है क्षमापना दिवस

    मैत्री का विराट् दर्शन है क्षमापना दिवस

    पर्युषण पर्व जैन एकता का प्रतीक पर्व है। जैन लोग इसे सर्वाधिक महत्व देते हैं। संपूर्ण जैन समाज इस पर्व के अवसर पर जागृत एवं साधनारत हो जाता है।

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  • संलेखना (संथारा) आत्महत्या नहीं, आत्म रूपांतरण है

    संलेखना (संथारा) आत्महत्या नहीं, आत्म रूपांतरण है

    संथारा आत्महत्या नहीं, आत्मसाधना है।

    • By: गणि राजेन्द्र विजय
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