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गरिमामयी पत्रकारिता का पितामह चला गया
काशीनाथ चतुर्वेदीजी नहीं रहे। मध्य प्रदेश में पत्रकारिता की आज की पीढ़ी के लिए यह नाम अनजाना हो सकता है, लेकिन मध्य प्रदेश में यदि पत्रकारिता का इतिहास लिखा जाए तो वह काशीनाथजी के योगदान के उल्लेख के बिना अधूरा रहेगा।