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हरिशंकर परसाई
 

  • एक मध्यमवर्गीय कुत्ता

    एक मध्यमवर्गीय कुत्ता

    थोड़ा-सा मरी आवाज में गुर्राया। आसपास वे आवारा कुत्ते भौंक रहे थे, पर यह उनके साथ भौंका नहीं। थोड़ा गुर्राया और फिर निढाल पड़ गया। मैंने मेजबान से कहा, 'आज तुम्हारा कुत्ता बहुत शांत है।'

  • जैसे उनके दिन फिरे

    जैसे उनके दिन फिरे

    दूसरे दिन छोटे राजकुमार का राज्याभिषेक हो गया। तीसरे दिन पड़ोसी राज्य की गुणवती राजकन्या से उसका विवाह भी हो गया। चौथे दिन मुनि की दया से उसे पुत्ररत्न प्राप्त हुआ और वह सुख से राज करने लगा। कहानी थी सो खत्म हुई। जैसे उनके दिन फिरे, वैसे सबके दिन फिरें।

  • क्रांतिकारी की कथा

    क्रांतिकारी की कथा

    उसका एक दोस्त आया। बोला, “तुम्हारे फादर कह रहे थे कि तुम पत्नी को लेकर सीधे घर क्यों नहीं आए। वे तो काफी शांत थे। कह रहे थे, लड़के और बहू को घर ले आओ।”

  • पुलिस मंत्री का पुतला

    पुलिस मंत्री का पुतला

    इतने में रामलीला का मौसम आ गया। एक बड़े पुलिस अफसर को ‘ब्रेनवेव’ आ गई। उसने रामलीलावालों को बुलाकर कहा,

  • वो टॉर्च बेचता रहा, दूसरा प्रकाश पुंज बन गया

    वो टॉर्च बेचता रहा, दूसरा प्रकाश पुंज बन गया

    वह पहले चौराहों पर बिजली के टार्च बेचा करता था । बीच में कुछ दिन वह नहीं दिखा । कल फिर दिखा । मगर इस बार उसने दाढी बढा ली थी और लंबा कुरता पहन रखा था ।

  • राजा ने कहा,  मुनाफाखोरो को बिजली के खंभे पर लटकाया जायेगा तो हुआ चमत्कार

    राजा ने कहा, मुनाफाखोरो को बिजली के खंभे पर लटकाया जायेगा तो हुआ चमत्कार

    एक दिन राजा ने खीझकर घोषणा कर दी कि मुनाफ़ाख़ोरों को बिजली के खम्भे से लटका दिया जायेगा। सुबह होते ही लोग बिजली के खम्भों के पास जमा हो गये। उन्होंने खम्भों की पूजा की, आरती उतारी और उन्हें तिलक किया।

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