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लोरी और शिशु गीत के रूप में बच्चों को मिलता है माँ से साहित्य का पहला संस्कार
बाल साहित्य सही मायने में बोधगम्य, रुचिपूर्ण, ज्ञानवर्धक, बाल मनोभावों से युक्त सरल शब्दों में रचा गया सृजनात्मक साहित्य है । ऐसा साहित्य बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ ही उनके संपूर्ण विकास में सहायक होता है।