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मुझको इंडिया मत कहना मैं भारत हूँ………. !
कवि आलोक अविरल ने पुरजोर ढंग से कहा कि हाँ, मुझे फर्क पड़ता है...। डॉ. एम एल गुप्ता 'आदित्य' ने भारत की ओर से देशवासियों को अपने इतिहास व गौरव के बारे में बताते हुए कहा - मुझको इंडिया मत कहना मैं भारत हूँ......!,
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वेबिनार क्यों, बेहतर हिंदी शब्द ई संगोष्ठी क्यों नहीं?
राजभाषा परिवार फ़ेसबुक समूह पर वेबिनार के लिए ई-संगोष्ठी शब्द के विचार को सभी करीब 57 टिप्पणी देनेवाले सदस्यों ने सहमति दी है। एक अन्य सुझाव भी है।
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डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल की रचनावली का प्रकाशन
डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल की रचनावली का संपादन और प्रकाशन हर्ष का विषय है।
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नीदरलैंड की साहित्यकार प्रो. पुष्पिता अवस्थी ‘वैश्विक हिंदी साहित्य-सारथी सम्मान’ से विभूषित
‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’, मुंबई संस्था तथा के. जे. सोमैया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मुंबई में महाविद्यालय परिसर में ‘हिंदी की वैश्विकता’ पर वैश्विक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
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हिन्दी के लिए सरकार में बैठे अंग्रेजों से जूझने वाले- प्रवीण जैन
हिंदी के कुछ बड़ा और सार्थक करने की ललक प्रवीण जैन में बचपन से ही रही । वे कहते हैं, ‘नवम्बर 2011 से हिन्दी के लिए कुछ करने की दिशा में राजभाषा सम्बन्धी प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद उन्होंने सबसे पहली शिकायत 'राष्ट्रपति भवन' को ही लगाई।