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रवीश कुमार संघ की होली से बगैर रंगे ही चले आए
यह कैसी विडंबना है कि हमको कभी यह नहीं बताया गया और न ही पाठ्यक्रम में इसे रखा गया। पाकिस्तान में तो विरासतें बिखरी पड़ी हैं पर हम बहुत कम जानते हैं।
यह कैसी विडंबना है कि हमको कभी यह नहीं बताया गया और न ही पाठ्यक्रम में इसे रखा गया। पाकिस्तान में तो विरासतें बिखरी पड़ी हैं पर हम बहुत कम जानते हैं।