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और इस तरह हज़रतबल के खादिमों ने इन्द्रेशजी को इबादत की अनुमति दी
एक बार इन्द्रेश कुमार जी दो-तीन कार्यकर्ताओं के साथ श्रीनगर के मशहूर खीर-भवानी मंदिर में दर्शन करने गये. दर्शन के पश्चात् जब वहां से लौट रहे थे तो उन्हें हजरतबल दरगाह की जियारत का विचार मन में आया.