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कंप्यूटर से खेलते खेलते मेरी दुनिया बदल गई
मुझे बचपन से ही कम्प्यूटर का बहुत शौक रहा है! आज भी मुझे वो दिन याद है, जिस दिन घर में पहला कम्प्यूटर आया था. मैं उस समय 11 साल की थी. मेरे चाचा उस समय कम्प्यूटर की पढ़ाई करते थे. मेरे कम्प्यूटर के क्षेत्र में आने के लिए उनका बहुत बड़ा हाथ है. हमें स्कूल में छठी क्लास से कम्प्यूटर पढ़ाया जाता था. मुझे पहले से ही कम्प्यूटर का ज्ञान और एक्सपोज़र होने के कारण शिक्षकों का भी बहुत बढ़ावा मिला. मैंने छठी क्लास में ही तय कर लिया था कि बड़े होकर कम्प्यूटर ही पढ़ना है.