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वह भी एक दौर था, ये भी एक दौर है
मेरी कई सारी रचनाएं पिछले दो-तीन दशकों के दौरान हिंदी की प्रसिद्ध पत्रिकाओं में छपी हैं।कुछ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी अपने समय में थीं।उनको अगर आज के पाठक के लिये पुनः प्रस्तुत किया जाय तो वह आनंदित ही होगा।
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आतंकवादियों के साथ भाई चारे के गीत गाने से कुछ नहीं होगा
समय आ गया है जब हमारे खुफिया तंत्र को और मज़बूत बनाया जाय और जिहादियों से निपटने के लिए कोई और कारगर योजना बनाई जाए।जिहादियों को प्रश्रय देने या फिर उनसे सहानुभूति रखने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाय।
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कश्मीरी हिंदुओं का विशेष पर्व है नवरेह
कश्मीरी पंडितों का पंचाग (जिसे ‘जंत्री’) कहते हैं, पहले तो कश्मीर में छपता था, अब विस्थापन के बाद जम्मू से छपने लगा है।मैं ने यह पंचाग कई सप्ताह पूर्व फेसबुक में विज्ञापन देखकर जम्मू से ऑनलाइन मंगवाया था।मेरे खूब याद दिलाने पर भी भेजने वाले धर्मप्राण-बन्धु ने आज तक न तो पैसों की बात की
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‘द कश्मीर फाइल्स’ ने तो सबको रुवा दिया
दरअसल,फिल्म का आधिकारिक ट्रेलर कुछ दिनों पहले रिलीज किया गया था और इसमें दिखाये गये मर्मस्पर्शी दृश्यों को लेकर इस फिल्म की काफी तारीफ भी हुई थी। ट्रेलर में दिखाया गया है कि कश्मीर में आजादी की मांग को लेकर उस वक्त अलगाववादी ताकतें चरम पर थीं
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रूस भारत का पुराना मित्र है
यूक्रेन पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान को हथियार बेचने वाले सबसे बड़ा देश बना हुआ है। यानी पाकिस्तान की हथियारों की जरूरत यूक्रेन ही पूरा करता है। एक सूचना के मुताबिक पिछले 30 वर्षों में पाकिस्तान यूक्रेन से 12 हजार करोड़ रुपये के हथियार खरीद चुका है।
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विचारों की इस सुवास में कितनी ताज़गी है?
उसे अपने यहाँ स्थापित पूरे आतंकी ढांचे को खत्म करना होगा, जैसा कि दो दशक पहले भारत के साथ शिखर सम्मेलन की बैठकों में पाक वादा कर चुका है। शांति और मैत्रीपूर्ण संबंधों के सपनों को साकार करने के लिए पाकिस्तान के लिए शांति स्थापना के विशेष संदर्भ में नए सिरे से सोचना और कार्य करना उचित होगा।
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कश्मीर का संक्षिप्त इतिहास
सन १९४७ ई. में भारत का विभाजन होने पर नवगठित देश पाकिस्तान ने कश्मीर को हथियाने के लिए असफल प्रयास किया। इसी बीच महाराजा हरिसिंह ने कश्मीर राज्य का विलय भारत के साथ किया तथा अपने राजकीय
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शारजाह में काव्य-संध्या
वेब पर उपलब्ध दो हिंदी पत्रिकाओं “अनूभूति” और ”अभिव्यक्ति” की सुरुचि-सम्पन्न संपादिका पूर्णिमा वर्मन के नाम से हिंदी-पाठक और हिंदी लेखक अपरिचित नहीं होंगे।देश-विदेश के अनेक लेखक इनकी पत्रिकाओं से जुड़े हैं।
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फिल्मी लोगों को मेहनती और ईमानदार खिलाड़ियों से दूर ही रखो
इंडियन ओलम्पिक संघ (आईओए)द्वारा पिछले दिनों अभिनेता सलमान खान को ब्राज़ील के रियो डि जेनेरो राज्य में इस साल अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक गेम्स का गुडविल एंबैसडर बनाये जाने की बात को लेकर खेल-जगत की कई नामी-गिरामी हस्तियों ने अपना विरोध जताया है.