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नंगे पैरो से उड़ती धूल, उतरते शामियाने, उदास आँखें और वीतरागी संत का विहार…
मध्यप्रदेश के सागर नगर के निकट एक उनींदा सा कस्बा रहली, अचानक गुलजार हो उठा है ,कस्बे की सुबह चमकदार सी हो उठी है, तंग गलियो मे एक दूसरे से जुड़े मकानो से जहा तहा रास्ता निकाल झांकती धूप मे मुस्कराहट सी है, आस पास फुर्सत से बैठे लोगो के जमघट है.