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श्रीमत् स्वामी समर्पणानन्दजी सरस्वती
 

  • आर्य और द्रविड़ घोटाला

    सुनिये लाल बुझक्कड जी । (१) स्वामी (२) कृषि (३) गोपालन (४) व्यापार । इन चारों में समान है, वह है नाप तौल के साथ व्यवहार, स्वामी से भृत्य जो वेतन पाता है वह नाप तोल के बल पर पाता है ।

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