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सुनीता राव
 

  • दाँत के दर्द को हल्के में न लें, कहीें पूरा शरीर ही नाकाम न हो जाए

    बेंगलुरु। 26 साल की माला एम दांत के दर्द के कारण आईसीयू में पहुंच गईं थीं। वह न बोल पा रहीं थीं न खा-पी पा रहीं थीं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ओरल हाइजीन उनकी यह हालत कर सकता है। जो बात दांत के दर्द से शुरू हुई, वह शरीर के कई अंगों के काम न करने तक पहुंच गई थी। माला को दो महीनों में तीन बार दिल का दौरा पड़ा, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया।

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