Friday, March 29, 2024
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बाबा रामदेव का नकली हिंदी प्रेम

महोदय,
हम करोड़ों लोगों की बाबा रामदेव पर श्रद्धा है, उनके स्वदेशी व स्वभाषा आंदोलन से लगभग 25 वर्षों से जुड़े हुए हैं पर अब यह भ्रम टूट गया है। बाबा जी, उनकी कंपनी को न स्वदेशी से कोई मतलब है न स्वभाषा से। पतंजलि की सभी वेबसाइट व ऑनलाइन सेवाएँ केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध करवाई गई हैं। पतंजलि के लगभग 80 प्रतिशत उत्पादों से हिंदी हटा ली गई है जहाँ बची है उन उत्पादों पर अंग्रेजी के नीचे, पीछे और छोटे अक्षरों में समेट दी गई है जो बहुत दुखद है और हमारे साथ धोखा है। पिछले 2 वर्ष में शुरू हुए नये उत्पादों पर हिन्दी “भारत में निर्मित” शब्द तक समेट दी गई है।

उपभोक्ता वस्तुओं पर भारत के किसी भी कानून में अंग्रेजी का प्रयोग अनिवार्य नहीं है।

मुझे पता है आप तो मेरे ईमेल का उत्तर भी हिन्दी में नहीं दे सकेंगे

प्रवीण जैन

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एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

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