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भाजपा नेता ने लगाई याचिका, चुनाव चिन्ह के बगैर हों चुनाव

मतदान मशीन से राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिह्न हटाने से लोकतांत्रिक राजनीति को नई दिशा मिलेगी। इससे राजनीति में साफ-सुथरी छवि के लोगों के आने का न केवल रास्ता खुलेगा बल्कि वे अपने दम पर चुनाव जीत भी सकेंगे। भारतीय जनता पार्टी के नेता और जाने-माने वकील अश्वनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हलचल मचा दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से ईवीएम से राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न हटाने की मांग के पीछे दस अहम कारण गिनाए हैं।

अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि जब एक साफ-सुथरी छवि का प्रत्याशी निर्दल चुनाव लड़ता है और दूसरी तरफ कोई दागी प्रत्याशी किसी बड़े राजनीतिक दल के सिंबल से चुनाव लड़ता है तो समान प्रतियोगिता नहीं हो पाती है। यह समानता के अधिकार का उल्लंघन है। पार्टी सिंबल के कारण दागी प्रत्याशियों को भारी तादाद में ऐसे लोगों का वोट मिल जाता है, जो उसके चाल-चरित्र से वाकिफ नहीं होते। ऐसे में चुनाव चिन्ह हटाने से पार्टी देखकर नहीं बल्कि व्यक्ति को देखकर लोग वोट देंगे।