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मध्य प्रदेश के इन्दौर में जन्मे उदय माहुरकर बने देश के सूचना आयुक्त

इन्दौर में जन्मे और उज्जैन में पले बढ़े श्री उदय माहुरकर देश के सूचना आयुक्त नियुक्त किए गए हैं। श्री माहुरकर का ननिहाल उज्जैन में है और उनका बचपन भी इन्दौर व उज्जैन में बीता है। उनके नाना उज्जैन के जागीरदार थे। उनके पिता स्व. जयवंत राव माहुरकर देश के जाने माने रेल्वे ट्रैड यूनियन नेता थे, जिनका निधन पिछले माह ही हो गया था।

श्री उदय माहुरकर ने अहमदाबाद से अपने पत्रकारिता का कैरियर शुरु किया, यहाँ वे इंडिया टुडे के प्रतिनिधि थे और अपनी पत्रकारिता की यात्रा में उन्होंने इंडिया टुडे के लिए कई रोमैंचक, सनसनीखेज व शोधपूर्ण रिपोर्टों के माध्यम से देश भर में अपनी एक अलग धाक जमाई। कुछ साल पहले वे इंडिया टुडे के वरिष्ठ उप संपादक बनकर अहमदाबाद से दिल्ली चले गए । वे लगातार 33 सालों तक इंडिया टुडे से जुड़े रहे। भारत सरकार ने उन्हें देश का सूचना आयुक्त नियुक्त किया ।

इंडिया टुडे पत्रिका के साथ 33 साल के शानदार कार्यकाल के बाद, वरिष्ठ उप-संपादक और प्रख्यात लेखक उदय माहुरकर को महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार की सिफारिश पर भारत के सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित एक समिति ने नाम को अंतिम रूप देने के बाद सिफारिश की थी। एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा की गई सिफारिश के बाद प्रधान मंत्री ने उनके नाम का चयन सूचना आयुक्त के पद के लिए किया।

श्री माहुरकर का एक पत्रकार के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने का अपना एक अलग अनुभव है। पिछले तीन दशकों में उन्होंने पत्रकारिता के सभी प्रमुख क्षेत्रों को कवर किया है। अब उन्हें एक संवैधानिक पद पर रहकर देश में सूचना के अधिकार को सशक्त बनाने के साथ ही इसके सफल क्रियान्वयन के लिए भी काम करना होगा।

श्री उदय माहुरकर उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के 13 साल के कार्यकाल पर अपनी पहली पुस्तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी मॉडल को लेकर “देश में नरेंद्र मोदी के शासन के अंदर की कहानी ” लिखी थी जिसका विमोचन ‘इंडिया टुडे’ के ग्रुप चेयरमैन श्री अरुण पुरी ने किया था।

प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. जगदीश भगवती ने इसकी प्रस्तावना लिखी। जाने माने पत्रकार स्वपन दासगुप्ता ने इसे ‘पीएम मोदी के शासन में मन की बात’ कहा था। श्री उदय माहुरकर की इस पुस्तक की प्रशंसा आर्ट ऑफ़ लिविंग आंदोलन के आध्यात्मिक नेता श्री श्री रविशंकर, जोधपुर के प्रख्यात अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय और जोधपुर के महामहिम गज सिंह जैसे लोगों ने भी की थी।

2017 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के तीन साल के कार्यकाल पर लिखी गई दूसरी पुस्तक “मार्चिंग अ बिलियन” का लोकार्पण राष्ट्रपति भवन में लोकसभा अध्यक्ष और दिवंगत केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की उपस्थिति में संपन्न हुआ था।

इस पुस्तक की प्रस्तावना वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम के संस्थापक और स्विट्जरलैंड में वार्षिक दावोस बिजनेस मीट के आयोजक प्रोफेसर क्लाउस श्वाब, पूर्व फ्रांसीसी प्रेसिडेंट फ्रेंकोइस होलांडे, बंगलादेश के प्राइम मीनिस्ट शेख हसीना और इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने लिखी थी।

उदय माहुरकर अपनी राष्ट्रवादी पत्ररकारिता के लिए जाने जाते हैं। वे वीर सावरकर की राष्ट्रवादी विचारधारा व सिध्दांतों  के दृढ़ समर्थक हैं। श्री माहुरकर ने अपनी पत्रकारिता में  हमेशा राष्ट्रवादी विचारों को प्रमुखता दी।  उन्होंने कई मौकों पर  संघ परिवार, भाजपा और भाजपा सरकार की  नीतियों की भी आलोचना की और ऐसे कई मुद्दों पर खुलकर अपनी कलम चलाई। अपनी पत्रकारिता व लेखन में उन्होंने व्यक्तिगत संबंधों की भी परवाह नहीं की। उन्होंने अपनी खोजी पत्रकारिता के माध्यम से हर उस विचारधारा का विरोध किया जो राष्ट्र विरोेधी थी। यही वजह है कि उनके घोर विरोधी भी उनकी  पत्रकारिता के प्रशंसक हैं।

श्री माहुरकर ने इंडिया टुडे के लिए कई ऐसी रिपोर्ट लिखी जो अपने आप में ऐचिहासिक हैं। उन्होंने गुमनाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, उनके संघर्ष, पुराने दौर के राजा महाराजाओं की जीवन शैली, उनकी शाही परंपराओं जैसे कई रोचक विषयों पर एक नए अंदाज़ के साथ लेख लिखे।

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